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Showing posts from February, 2022

राष्ट्रीय पोवारी दुहेरी चारोळी स्पर्धा

पोवारी साहित्य एवं सांस्कृतिक उत्कर्ष परिवार आयोजित राष्ट्रीय पोवारी दुहेरी चारोळी स्पर्धा दिनांक:  २६.०२.२०२२ (शनिवार) विषय: कचरा ~~~~~~~ आयोजक : डॉ. प्रल्हाद हरिणखेडे "प्रहरी" परीक्षक : इतिहासकार प्राचार्य ओ. सी. पटले सर राष्ट्रीय पोवारी दुहेरी चारोड़ी स्पर्धा २६:२:२२            कचरा घर, गांव,देशको दुर करो कचरा सुख, शांती, आंनद लक करो गुजारा। तन,मन,बुध्दी को दुर करो कचरा नर नारी का चेहरा बनाओ हासरा।।१।। कचरा मा रोग की बेकार से कामना स्वच्छता मा समृद्धि याच देवो प्रेरणा। द्रुष्ट प्रवृत्ति को मानव करसे सामना धरा स्वर्ग सा बनावन देखो सपना       हेमंत पीतमलाल पटले धामनगांव आमगाव ९२७२११६५०१ शीर्षक:- मुखीयाकी चाल चलो कचरा निंदन करो लवकर घाई | पोवारीको धानमाच उग गयीसे सपाई ||१|| येनं समाजमा देखो चली मुखीयाकी चाल | करो संघर्ष सपाई ठेवो पोवारीकी ढाल ||२|| ✍️इंजि. गोवर्धन बिसेन "गोकुल पोवारी साहित्य अना सांस्कृतिक उत्कर्ष समूह द्वारा आयोजित दुहेरी चारोळी स्पर्धा विषय - कचरा शिर्षक - सफाई कचरा भय गयी से सब जागा चलो सब मिलकर करबी सफाई,  इत ऊत नोको भटको कोनी,  मिलजूलकर काम करो सप्प

मायबोली मी पोवारी......

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  मायबोली मी पोवारी...... रोज बिचारंसे मोला मोरी मायबोली पोवारी मी सेव का गा तोरी ? का भय गयी मोरी चोरी ? घरमा दिवस अना रात बोलत माय अना अजी आता काहेगा पारखो भयेस तु ना पिढी तोरी नोको टुटन देऊस नार तोरी अना मोरी मी नोव सिरफ बोली संस्कृती आव मी पोवारी मी आव पोवारकी बन मोरो धुरकोरी अना जगाव अस्मिता मायबोली मी पोवारी - गुलाब बिसेन (दि. २८/०९/२०२१ )

आदर्श पोवार समाज की कल्पना

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  आदर्श पोवार समाज की कल्पना हर दिल मा हों पूर्वजों को सम्मान l ओठों पर हो मायबोली को गुणगान l मोरो सपनों मा से असो   सुंदर समाज , जहां पोवार शब्द ला हो गौरव को स्थान ll   हर दिल मा हो सनातन को सम्मान l ओंठो पर हो हिन्दू धर्म को गुणगान l मोरों मन मा से असो आदर्श समाज , जहां बंधुभाव ला हो गौरव को स्थान ll   हर दिल मा हो राष्ट्र को सम्मान l ओठों पर हो मां भारती को गुणगान l मोरों सपनों मा से असो सुंदर   समाज , जहां राष्ट्रभक्ति ला हो गौरव को स्थान ll   हर दिल मा हो इमान को सम्मान ओठों पर हों संस्कृति को गुणगान l मोरों मन मा से असो आदर्श समाज , जहां चरित्र ला हो गौरव को स्थान ll   इतिहासकार प्राचार्य ओ.सी.पटले प्रणेता-पोवारी भाषाविश्व नवी क्रांति अभियान , भारतवर्ष. बुध.२३/०२/२०२२ .

सेगांव को गजानन राया

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  सेगांव को गजानन राया  (अभंग रचना) •••••••••••••••••••••••••••••••••• शेगांव का राया।। संत गजानन।। भक्तं को कल्याण।। करसेत।।१।। महिना से माघ।।वद्य सप्तमीसे।। देव प्रकटीसे।। गजानन।।२।। खासे उचलके।।अन्न को वू कन।। दुर्लभ से क्षण।। सबलायी।।३।। होतो सिद्धयोगी।।मार्ग भक्तं जन।। देसे गजानन।। सेगांवमा।।४।। पांडुरंग का जी।।भक्तला दर्शन।। आयो करावन।। सृष्टि पर।।५।। मुक्त वू फीरनों।।कहा भी रव्हनों।‌। मिलसे वू खानों।। शब्द सेती।।६।। सेगांव प्रसिद्ध।। वास्तवल् आयो।। संत पिठ भयो।।कायम को।।७।। गजानन जी की।।अशी या महीमा।। लौकिक सहिमा।। दुनियामा।।८।। ==================== उमेंद्र युवराज बिसेन (प्रेरीत) रामाटोला गोंदिया (श्रीक्षेत्र देहू) ९६७३९६५३११

गजानन स्तुती (पोवारी

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 🌷गजानन स्तुती (पोवारी)🌷    (नवाक्षरी मनोहारी काव्य) ग  = गण गण गणात बोते जा = जाहीर गजानन मंत्र | न  = नश्वर शरीरला भेटे न = नवजीवन रुपी यंत्र ||१|| म = मनमा भजो गजानन हा = हाण पाड़े संकट दूर | रा = राग द्वेषला सोड़कर ज = जगावो प्रेमका अंकूर ||२|| प् = परोपकारी येव गुरू र = रचसे कयी चमत्कार | क = कयीक भक्तका संकट ट = टलाय देसे वू तत्कार ||३|| दि = दिव्य पुरुष गजानन व = वंदनीय तू दयावान | स = सदगुरु भक्तवत्सल की = किरती तोरी से महान ||४|| हा = हासीखुशी ठेव सबला र् = रममाण कर या सृष्टी | दि = दिशा देखाव सन्मार्गकी  क = करदे येत्ती कृपादृष्टी ||५|| सु = सुमरुसू मी सदगुरु भे = भेव दूर करदे मोरो | च् = चराचरको स्वामी सेस छा = छायामा रव्हनदे तोरो ||६|| || अनंत कोटी ब्रम्हाण्ड नायक || || महाराजाधिराज योगीराज || || परब्रम्ह सच्चिँतानंद, भक्त प्रतिपालक || || शेगाँव निवासी, समर्थ सदगुरु || || श्री संत गजानन महाराज की जय || ••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• ✍ इंजि. गोवर्धन बिसेन "गोकुल"         गोंदिया, संपर्क - ९४२२८३२९४१        दि. २३ फरवरी २०२२

पोवार समाज को स्वाभिमान ग्राम बिर्सी तिरोडा

 =========================== पोवार समाज को स्वाभिमान ग्राम बिर्सी तिरोडा ============================ परमश्रद्धेय श्री आदरणीय परमवंदनीय मोरो समस्त सजातीय समाज बांधव इनला सादर प्रणाम जय राजा भोज जय माहामाया गढ़कालिका ,सबला सुचित करनो मा बहुत बहुत ही आनंद होसे की दि १६-०२-२०२२ रोज बुधवार ला माहा राष्ट्र की पावन भूमि ग्राम बिर्सी तालूका तिरोडा जिल्हा गोंदिया मा हर बरस जसो येन् बरस भी बडो धुमधाम लक ३६ कुल क्षत्रिय भोजवंशी पोवार समाज को पोवार समाजोत्थान कार्यक्रम बहुत ही सुन्दर मनभावन आकर्षक भयेव , कार्यक्रम की शुरुआत ग्राम बिर्सी का जेष्ठ नागरिक परमश्रद्धेय श्री बकारामजी राहागंडाले उमर ९५ बरस अना समस्त वयोवृद्ध जेष्ठ नागरिक इनको शुभहस्ते आमरी कुलदेवी माहामाया गढ़कालिका को पुजन , अना कुलश्रेष्ठ ब्रम्हनिष्ठ निष्ठावान परमप्रतापी चक्रवर्ती सम्राट राजा भोज को पुजन , ज्ञान की देवी सरस्वती माय को पुजन , तसोच ग्रामदेवता मातामाय मारुति देवगाय को पुजन करके जय राजा भोज जय माहामाया गढ़कालिका पोवार एकता जिंदाबाद जिंदाबाद को जय घोष लगायकर शोभायात्रा निकाली , शोभायात्रा मा कुलश्रेष्ठ ब्रम्हनिष्ठ निष्ठावा

आम्हरो कर्तव्य

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  आम्हरो कर्तव्य यव सोचनो गलत से की पुरानो जो होतो वु पुरानो लोगइनको संग गयव, आमी आपलो हिसाब लका रवहबीन। असो नही चलनको। गलत व्यवहार आपलो कुल वंश को प्रति घात होये। आमी प्राचीन संस्कृति का वर्तमान धरोहर आजन। आम्हरो द्वारा पुरखाइनको धरम , नीति को पालन अनिवार्य से। यव आम्हरो कर्तव्य आय। जीवन यापन करतो समया सिर्फ स्वार्थ देखनो असी आमरी रीत नोहोय। आमी आपलो पुरखाइनका नवा रूप आजन यव भूलनो गलत से। आम्हरी रीत, धर्म, कर्तव्य, नीति आम्हरो संस्कार मा समाहित से। आब उनको जतन करनो से। आमी पोवार तबच रव्हबीन जब आमी आपली परम्परा , रिश्ता , धर्म, कर्तव्य निभावबीन। आमी खुद की इज्जत करबिन त् दुनिया आमरी इज्जत करे। दुसरो की नकल करनो ठीक नाहाय। आमी जसा आजन तसाच ठीक सेजन। अखिन उत्तम बनबीन। भीड़ को हिस्सा बननो नहाय। पोवार बनके रव्हनो मा भलाई से। खुदकी महत्ता पहचानके जीवनयापन करनो पड़े। समाज को अस्तित्व तबच बन्यव रहे....   महेन पटले    

मायबोली को डंका

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 मायबोली को डंका  नाव असोच चमकत रहे आपलो पोवारी बोली को सारो विष्वमा।। मायबोली का साहित्यिक असाच डंका बजायेत काव्य सम्मेलनमा।। नाव बढ़े कद बढ़े समाजको आपलो साहित्य बनें पोवारी को पुरो दुनियामा।। इंजी.गोवर्धन जी न् बढाइन शान-बान  आनंद भयेव आमरो सारखो को मनमा।। साहित्य पोवारी भाषा को बहरतो ऐतरीच आशा हर एक को हिरदामा।। ==================== उमेंद्र युवराज बिसेन (प्रेरीत) रामाटोला गोंदिया (श्रीक्षेत्र देहू) ९६७३९६५३१ १

समाज का संगठन अना पदाधिकारी

 समाज का संगठन अना पदाधिकारी समाज का संगठन को महत्व समाज की पहिचान, ओकि संस्कृती को जतन मा से। छत्तीस कुर को पंवार(पोवार) समाज लाई यव मोठो गौरव का विषय से की ओनकी आपरी येक भाषा से जेको नाव पोवारी से। समाज मा संगठना को इतिहास १९०० के आसपास लका भेटसे। आपरो समाज की प्रथम ज्ञात संस्था "पंवार जाति सुधारणी सभा" होती अना ओको बादमा कई संगठना बनीन अना अज पचास को आसपास समाज का संगठना वसेती। सप्पाई संगठनईन को उद्देश्य मा समाज की पहिचान अन संस्कृति का संरक्षन लिखी से परा केत्तो संगठना आपरी पहिचान अना संस्कृति को जतन को काम कर रही सेती। अठारवीं सदीमा आमी मालवा राजपुताना लक वैनगंगा क्षेत्र मा आयकन बस्या होता। तब वरि अज को दिन तक आपरो समाज मा कई बदलाव आया सेती तरी आपरी मूल पोवारी सँस्कृति अना राजपुताना को वैभव आपरो रीति-रिवाज अना जीवन मा बरक़रार से। समाज ला आधुनिकता को संग भी चलनो से अना आपरी मूल पहिचान ला संजोकन राखनो से।  धीरु धीरु लक समाज न आपरी विरासत आपरी बोलीला मा बात करनो कम कर देई सेती अना सामाजिक कामकाज मा पुरातन नेंग-दस्तुर अना रीति-रिवाज की मानता कम होय रही से। समाज का संगठना इनकी

मातृभाषा पोवारी को संवर्धन : युवाशक्ति कटिबद्ध

 अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस -    मातृभाषा पोवारी को संवर्धन : युवाशक्ति कटिबद्ध -----------------♦️♦️-------------------      पोवार समाज की युवाशक्ति न् अत्यंत विपरीत परिस्थिति मा भी मायबोली पोवारी ला  विकसित करके, वोला भाषा को दर्जा मिलावन को बीड़ा उठाईसेस या बात अत्यंत अभिमानास्पद से.          1970 पासून स्थानीय भाषा नष्ट होनो प्रारंभ भयेव. जागतिकीकरण को कारण संसार को सामाजिक व आर्थिक ढांचा बदल गयेव.येको कारण एकसारखोपन की हवा बव्हन लगी व अनेक परिवर्तनों को साथ-साथ स्थानीय भाषा भी नष्ट होन लगी. ‌        समस्त संसार मा २०२२की आकड़ेवारी को अनुसार मरणासन्न  स्थानीय भाषाओं की कूल संख्या २३५०से. एकटो एशिया खंड मा मरनासन्न भाषाओं की संख्या ६९३से.(Indangerd Language Project -UNESCO AND STATISTA.)             जागतिकीकरण (Globalisation)  येव विविधता मा एकता (Unity in diversity)को सिद्धांत को सम्मुख एक फार मोठो आव्हान से. येको कारण प्रत्येक समुदाय को कंधाओं पर,  विशेष जागरुकतापूर्वक आपली मातृभाषा व संस्कृति को जतन करन की जवाबदारी आयी से. स्थानीय भाषाओं पर आयेव  वैश्विक संकट  को गहण अध्ययन करक

पोवारी को गजर

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 पोवारी को गजर  (अभंग रचना) •••••••••••••••••••••••••••••••••• बोलो जी पोवारी।।भाषा या आमरी।। लग् से साजरी।। बोलनला।।१।। माय की वा गोडी।।ममता स्वरूप।। संस्कृति को रूप।।पोवारीमा।।२।। देओ सब मान।।संस्कृति की आन।। बनें पयचान।। समाज की।।३।। माय बोली खरी।।बचाओ पोवारी।। लेओ जिम्मेदारी।।सबजन।।४।। करन प्रचार।। लिखों बाचो शिको।। हेवा दावा नोको।।आपसमा।।५।। बोली या आमरी।। बनाओं प्रमान।। बनों भी सुजान।। ओकोसाठी।।६।। माय बोली सब।।घर-घर बोलो।। लाज लज्जा भुलो।।कायमकी।।७।।   उमेंद्र करसे।।मातृभाषा दिन।। सबला आव्हान।। बोलीलायी।।८।। ==================== उमेंद्र युवराज बिसेन (प्रेरीत) रामाटोला गोंदिया (श्रीक्षेत्र देहू) ९६७३९६५३११

मायबोली दिवस को उपलक्ष मा

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  ----- मायबोली दिवस को उपलक्ष मा--------   मोरो पोवारी की गोडी मोला लगसे चविष्ट मोरो पोवारी को छंद मोरो बढसे धारिष्ट ....... || १ ||   नांगरको चलं फळं पोवारीको गानापरं कोकीळाबि गावसे पहाटको जातापरं........ || २ ||   वैनगंगा को खोरामा पोवारीको दवारं होय एकजूट करो मायबोली को जागरं...... || ३ ||   मोरी मायबोली चलं मोरो घरं-गावं-दारं भया युवा जागरूतं आयेव पोवारीला बहारं..... || ४ ||   मोरी पोवारी आयको नोको हासो कोनी येला करे उद्धारं तूमरो भरे ज्ञान का वा ढोला....... || ५ || ------------------------------------------ @@@ श्री. सतीश सु.पारधी     मु. सेजगाव जि. गोंदिया      दि. २१/०२/२०२२

राष्ट्रीय पोवारी दुहेरी चारोळी स्पर्धा

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पोवारी साहित्य एवं सांस्कृतिक उत्कर्ष परिवार आयोजित राष्ट्रीय पोवारी दुहेरी चारोळी स्पर्धा दिनांक:  १९.०२.२०२२ (शनिवार) विषय: जनता को राजा ~~~~~~~ आयोजक : डॉ. प्रल्हाद हरिणखेडे "प्रहरी" परीक्षक : इतिहासकार प्राचार्य ओ. सी. पटले सर  पोवारी साहित्य व सांस्कृतिक उत्कर्ष समूह द्वारा आयोजित   राष्ट्रीय दुहेरी पोवारी चारोडी स्पर्धा  दिनांक-१९/०२/२०२२  ---------------------------------------- हिंदवी स्वराज्य की बढा़ईन छत्रपती शिवबानच शान। पुरो विष्वमा जनता को राजा नहीं असो भयेव गुणवान।। शिवबा को जन्मलक पावन भयी महाराष्ट्र की या माती। हिंदवी स्वराज्य रक्षक एवं नाव लेता फुल् गर्वल् छाती।। ====================  उमेंद्र युवराज बिसेन (प्रेरीत) रामाटोला गोंदिया ९६७३९६५३११ ************************* पोवारी साहित्य व सांस्कृतिक उत्कर्ष समूह द्वारा आयोजित राष्ट्रीय दुहेरी पोवारी चारोळी स्पर्धा दि.१९.0२.२०२२ विषय - जनता को राजा ================== शिवनेरी किल्लापर भयेव जन्म उन्नीस फरवरी सोला सौ तीसला,  माता जीजाबाई ना पिता शहाजी भयेव आनंद सब प्रजा जगदीशला. बालपण पासून स्वराज्य स्थापन करणकी प्रे