मायबोली को डंका
मायबोली को डंका
नाव असोच चमकत रहे आपलो
पोवारी बोली को सारो विष्वमा।।
मायबोली का साहित्यिक असाच
डंका बजायेत काव्य सम्मेलनमा।।
नाव बढ़े कद बढ़े समाजको आपलो
साहित्य बनें पोवारी को पुरो दुनियामा।।
इंजी.गोवर्धन जी न् बढाइन शान-बान
आनंद भयेव आमरो सारखो को मनमा।।
साहित्य पोवारी भाषा को बहरतो
ऐतरीच आशा हर एक को हिरदामा।।
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उमेंद्र युवराज बिसेन (प्रेरीत)
रामाटोला गोंदिया (श्रीक्षेत्र देहू)
९६७३९६५३११
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