समाज का संगठन अना पदाधिकारी

 समाज का संगठन अना पदाधिकारी

समाज का संगठन को महत्व समाज की पहिचान, ओकि संस्कृती को जतन मा से। छत्तीस कुर को पंवार(पोवार) समाज लाई यव मोठो गौरव का विषय से की ओनकी आपरी येक भाषा से जेको नाव पोवारी से। समाज मा संगठना को इतिहास १९०० के आसपास लका भेटसे। आपरो समाज की प्रथम ज्ञात संस्था "पंवार जाति सुधारणी सभा" होती अना ओको बादमा कई संगठना बनीन अना अज पचास को आसपास समाज का संगठना वसेती। सप्पाई संगठनईन को उद्देश्य मा समाज की पहिचान अन संस्कृति का संरक्षन लिखी से परा केत्तो संगठना आपरी पहिचान अना संस्कृति को जतन को काम कर रही सेती।

अठारवीं सदीमा आमी मालवा राजपुताना लक वैनगंगा क्षेत्र मा आयकन बस्या होता। तब वरि अज को दिन तक आपरो समाज मा कई बदलाव आया सेती तरी आपरी मूल पोवारी सँस्कृति अना राजपुताना को वैभव आपरो रीति-रिवाज अना जीवन मा बरक़रार से। समाज ला आधुनिकता को संग भी चलनो से अना आपरी मूल पहिचान ला संजोकन राखनो से। 

धीरु धीरु लक समाज न आपरी विरासत आपरी बोलीला मा बात करनो कम कर देई सेती अना सामाजिक कामकाज मा पुरातन नेंग-दस्तुर अना रीति-रिवाज की मानता कम होय रही से। समाज का संगठना इनकी यव जिम्मेदारी होती कि वय आपरी बोली को जतन को संग संस्कृति को संरक्षण का काम करतींन परा यन काम को अभाव दिससे।

संगठना इनना आपरो समाज की परिधि ला समझ नही पाइन अना संगठना को पदाधिकारी इनना संगठना को उपयोग राजकरन को संग आपरो निजी स्वार्थ लाई खूब उपयोग करिन। आज भूमंडलीकरण को दौर मा कई दुसरो समाजजन ला मिलन को मौका मिल रही से अना वय भी आपरो समाज संग जुड़न को प्रयास कर रही सेती परा एको यव अर्थ नहाय को कोनिला भी आपरो समुदाय मा मिलाय लेबिन। आमरो पोवारी का कुर पुरातन  कुर सेती अना आमरो सामाजिक रीति-रिवाज एनो कुर परा निर्भर सेती त कसो इनला सोड देबिन। सबला यव माननो पढ़े की समाज की अस्मिता अना पुरातन पहिचान कोनि राजकरन की चीज नहाय की चार मानुष बस्या न ऐकी घोषणा करेती की येला मिलाबीन की येला खुडावबिन। यव हक कोनिला नहाय की वय समाज को पुरातन सांस्कृतिक अना सामाजिक ताना बाना ला आपरी मर्जी लक तोड़ देहेती। 

सामाजिक संगठना को अस्तित्व अना ओनकी मान्यता तबा वरि से जबा वय आपरो समाज का उत्थान करेती अना संग मा समाज की विरासत, पहिचान अना अस्मिता को मूल स्वरूप ला सहेजकन राखेती नही त वय आपरी मान्यता खोय देहेती। कोनि भी समाज को उपर नहाय। आपरो पुरखा इनना आपरी पहिचान अना नावला जसो ठेयकन राखी होतिन ओला वसोच राखनो से अना संगमा समाज को उत्थानबी करन को से। आपरो परिवार अना रक्तसंबधित छत्तीस कुर की एकता को मोठो मान से अना संगमा सब जाति समुदाय को बीच एकता को भाव लका सबला राष्ट्र की एकता ठेवनमा आपरो सहयोग कर देशला आगे ले जावनो से।

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