मातृभाषा पोवारी को संवर्धन : युवाशक्ति कटिबद्ध

 अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस -    मातृभाषा पोवारी को संवर्धन : युवाशक्ति कटिबद्ध

-----------------♦️♦️-------------------

     पोवार समाज की युवाशक्ति न् अत्यंत विपरीत परिस्थिति मा भी मायबोली पोवारी ला  विकसित करके, वोला भाषा को दर्जा मिलावन को बीड़ा उठाईसेस या बात अत्यंत अभिमानास्पद से.

         1970 पासून स्थानीय भाषा नष्ट होनो प्रारंभ भयेव. जागतिकीकरण को कारण संसार को सामाजिक व आर्थिक ढांचा बदल गयेव.येको कारण एकसारखोपन की हवा बव्हन लगी व अनेक परिवर्तनों को साथ-साथ स्थानीय भाषा भी नष्ट होन लगी. ‌ 

      समस्त संसार मा २०२२की आकड़ेवारी को अनुसार मरणासन्न  स्थानीय भाषाओं की कूल संख्या २३५०से. एकटो एशिया खंड मा मरनासन्न भाषाओं की संख्या ६९३से.(Indangerd Language Project -UNESCO AND STATISTA.)

            जागतिकीकरण (Globalisation)  येव विविधता मा एकता (Unity in diversity)को सिद्धांत को सम्मुख एक फार मोठो आव्हान से. येको कारण प्रत्येक समुदाय को कंधाओं पर,  विशेष जागरुकतापूर्वक आपली मातृभाषा व संस्कृति को जतन करन की जवाबदारी आयी से. स्थानीय भाषाओं पर आयेव  वैश्विक संकट  को गहण अध्ययन करके २०१८ पासून ३६ कुलको क्षत्रिय पोवार समाज येव मातृभाषा पोवारी,पोवारी संस्कृति व स्वयं की पहचान बचावनसाती  युद्धस्तर पर कार्य कर रहीं से.

                                             जय पोवार ! जय पोवारी!!


                                                🕉️इतिहासकार प्राचार्य ओ सी पटले

                                @प्रणेता -पोवारी भाषाविश्व नवी क्रांति अभियान, भारतवर्ष.

                                                        🔴सोम.२१/०२/२०२२.

                                            --------------------♦️♦️-----------------------

Comments

Popular posts from this blog

पोवारी साहित्य सरिता भाग ५४

पोवारी साहित्य सरिता भाग ६९

पोवारी साहित्य सरिता