आम्हरो कर्तव्य

 

आम्हरो कर्तव्य

यव सोचनो गलत से की पुरानो जो होतो वु पुरानो लोगइनको संग गयव, आमी आपलो हिसाब लका रवहबीन। असो नही चलनको। गलत व्यवहार आपलो कुल वंश को प्रति घात होये।

आमी प्राचीन संस्कृति का वर्तमान धरोहर आजन। आम्हरो द्वारा पुरखाइनको धरम , नीति को पालन अनिवार्य से। यव आम्हरो कर्तव्य आय। जीवन यापन करतो समया सिर्फ स्वार्थ देखनो असी आमरी रीत नोहोय। आमी आपलो पुरखाइनका नवा रूप आजन यव भूलनो गलत से। आम्हरी रीत, धर्म, कर्तव्य, नीति आम्हरो संस्कार मा समाहित से। आब उनको जतन करनो से। आमी पोवार तबच रव्हबीन जब आमी आपली परम्परा , रिश्ता , धर्म, कर्तव्य निभावबीन। आमी खुद की इज्जत करबिन त् दुनिया आमरी इज्जत करे। दुसरो की नकल करनो ठीक नाहाय। आमी जसा आजन तसाच ठीक सेजन। अखिन उत्तम बनबीन। भीड़ को हिस्सा बननो नहाय। पोवार बनके रव्हनो मा भलाई से। खुदकी महत्ता पहचानके जीवनयापन करनो पड़े। समाज को अस्तित्व तबच बन्यव रहे....

 

महेन पटले



 

 

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