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पोवारी अस्मिता की हवा चली
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पोवारी अस्मिता की हवा चली ------------------🌹-------------------- चलों चली या हवा चली l पोवारी अस्मिता की हवा चली l आंधी बनके हवा चली l एकता की या सीधी हवा चली ll इतिहास की खुशबू l आपली बाहों मा लेके चली l पूर्वजों की महिमा l गुणगुणावत या हवा चली ll चलों चलीं.... आपली मातृभाषा की लाज बचावन या चलीं l आपलो समाज ला एकता देवावन चलीं ll चलों चलीं.... आपली नवी पीढ़ी को भविष्य बचावन ला चलीं l आपली नवी पीढ़ी को भविष्य संवारन ला चलीं ll चलों चलीं..... छत्तीस कुल एकता को जतन करनसाती चलीं l आपलो सही नावों को रक्षण करनसाती चलीं ll चलों चलीं.... - ओ. सी. पटले शनि.02/10/2021.
राष्ट्रीय पोवारी चारोली स्पर्धा
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पोवारी साहित्य एवं सांस्कृतिक उत्कर्ष परिवार आयोजित राष्ट्रीय पोवारी चारोली स्पर्धा दिनांक: ०२.१०.२०२१ (शनिवार) विषय: बापू ~~~~~~~ आयोजक : डॉ. प्रल्हाद हरिणखेडे "प्रहरी" परीक्षक : इतिहासकार प्राचार्य ओ. सी. पटले सर ************************************************* 1. सत्य अहिंसा शांति को मार्ग पर न्योछावर कऱ्यात बापू जीवन। आजादी आम्हला मिलाय देयात कर् हर भारतवासी नमन।। ==================== उमेंद्र बिसेन (प्रेरीत) गोंदिया ***************************** 2. बापू तुमरी पयचान से विश्वशांती का अग्रदूत सरघूमे ने क्यूँ की हत्या तुमी भारतमाँ का थोर सपूत.. ==================== रणदीप बिसने मु.सिंदीपार ---------------------🌹------------------ बापू पुतलीबाई का सपूत। शांति का तुमी दुत।। बापू, काम क-यात अदभुत। ग़ुलामी मालक् करायात मुक्त।। ✍️ डॉ विशाल जियालाल बिसेन नवी मुंबई (मोरो गांव : देवसर्रा ता: तुमसर जिल्हा : भंडारा ) mobile: 9920499396 ********************************************** विषय:- बापू *********** असहकार सत्य शांती अहिंसाकी चळवळ ओ बापू तोरो वरग मोठो इंग्रज पराया चळचळ ***
पोवारी साहित्य सरिता भाग ३१
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पोवारी साहित्य अना सांस्कृतिक उत्कर्ष द्वारा आयोजित पोवारी साहित्य सरिता भाग ३१ **************************** आयोजक डॉ. हरगोविंद टेंभरे परीक्षक श्री. व्ही. बी.देशमुख ********************************************************** 1. परमश्रद्धेय श्री आदरणीय परमवंदनीय जी सबला हिरदीलाल ठाकरे को सादर प्रणाम जय राजा भोज जय माहामाया गढ़कालिका,, मोला अष्टावक्र गीता को एक अध्याय याद आवसे, कोहाड ऋषि एक सिद्ध ऋषि होता, एक दिवस कोहाड ऋषि पुराण बाचत होता, पुराण बाचता बाचता उनला अचानक एक आवाज आयी, पुराण मा ज्ञान से का ? कहोड ऋषि ला आश्चर्य भयेव की असो कोण कसे पुराण मा ज्ञान नाहाय , पुराणमा त ज्ञान से , अखिन आवाज आयी पुराणमा ज्ञान से का? कहोड ऋषि न् आपलो अंतर्ध्यान लक देखीस की उनकोच पत्नी को गर्भ लक आवज आयी की चंद्रमा काहा से ? कहोड ऋषि न् उंगली को इशारा लक सांगीस की चंद्रमा उपर आसमान मा से , गर्भ लक आवाज आयी तुमरी उगंली या चंद्रमा नोहोय ,तुमरी उगंली सिर्फ अना सिर्फ चंद्रमा कर इशारा करसे , वोको पर कहोड ऋषि उत्तर देसे की पुराणमा भी ज्ञान नाहाय पुर
राष्ट्रीय पोवारी चारोली स्पर्धा
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पोवारी साहित्य एवं सांस्कृतिक उत्कर्ष परिवार आयोजित राष्ट्रीय पोवारी चारोली स्पर्धा दिनांक: २५.०९.२०२१ (शनिवार) विषय: मशाल ************* आयोजक : डॉ. प्रल्हाद हरिणखेडे "प्रहरी" ************* परीक्षक : इतिहासकार प्राचार्य ओ. सी. पटले सर ********************************************** 🌸🌺पोवारी चारोली🌺🌸 ************************************** * जागों उठो वीर क्षत्रिय पंवार पोवार ! धरकन हाथ मा एकता की मशाल !! कसो मुराये आपली पुश्तेनी पहिचान ! मोठी से हामरी पोवारी संस्कारी ढाल !! ✍🏼ऋषि बिसेन, खामघाट(बालाघाट) 🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁 *************************************** पोवारी की मशाल ज़िद की मशाल, स्वाभिमान की मशाल। धैर्य की मशाल, संघर्ष की मशाल।। युवा/बुड़गा की मशाल, आई/माई की मशाल। या आय आमरो अस्तित्व की मशाल ।। ✍️ डॉ विशाल जियालाल बिसेन नवी मुंबई (मोरो गांव : देवसर्रा ता: तुमसर जिल्हा : भंडारा ) mobile: 9920499396 *************************************** पोवारी की मशाल सुसंस्कृत सिद्ध पराक्रमी होता पूर्वज विक्रमादित्य भोजमहा भया दिग्गज का नपुंसक बनबी आमी सकार का सूरज मशाल प
गौरवशाली इतिहास वर्तमान के लिए प्रेरक
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गौरवशाली इतिहास वर्तमान के लिए प्रेरक हमारा समाज अब हर क्षेत्र में तरक्की कर रहा है इसे और आगे ले जाने की आवश्यकता है। हमारे पुरखों ने पावन वैनगंगा के आंचल में आकर कृषि कार्यों में काफी तरक्की की थी और आज धीरे-धीरे अलग-अलग क्षेत्रों के जाकर अपनी विशेष पहचान बनाई हैं। अब हमें अपने समाज की नई पीढ़ी को और आगे ले जाना है। इसके लिए आवश्यकता इस बात की है कि विभिन्न क्षेत्रों में सफलता पा चुके समाज के सभी सम्मानीय सदस्य मिलकर नई पीढ़ी को प्रोत्साहित करें और उन्हें यह आत्मविश्वास दिलाएं की हमारा इतिहास बहुत ही गौरवशाली था और उनके हम वंशज अपने उन्नत संस्कारों के साथ खुद को, अपने परिवार को, अपने पोवार समाज को और देश को आगे लाने के लिए ऊंचे स्वप्न के साथ अपने-अपने पसंद के क्षेत्रों में खूब तरक्की करें। हमारा अतीत तो बहुत ही गौरवशाली था और पिछले तीन शताब्दियों में हमारे पुरखों ने सामूहिक प्रयासों से तानाशाह औरंगजेब की सेना को तक इस क्षेत्र में तक परास्त कर दिया था और मराठाओं के साथ मिलकर कई क्षेत्रों को जीत लिया था। इसके उपरांत विजय स्वरूप उनको मिले एक नवीन क्षेत्र को अपनी सामूहिक मेहनत स
🙏 गणपतीकी पोवारीमा आरती🙏
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🙏 गणपतीकी पोवारीमा आरती🙏 आरती गणपती, करू तोरी पुजापाती नमुसु मी देवा तोला, देवा पाव भक्तसाती आरती गणपती।। धृ।। अजी तोरो कैलासपती, माय तोरी पारबती कैलास तोरो धाम, देवा देजो सुखशांती आरती गणपती।। १।। विघ्नहर्ता तुच देव, अरपुसु भक्ती भाव विघ्न दूर कर देवा, बाप्पा बन मोरो साथी आरती गणपती।। २।। देवा तुच लंबोदर, सेस सुखको सागर करू तोरी आराधना, देवा करु तोरी भक्ती आरती गणपती।। ३।। एकदंत दयावंत, तुच संसासको संत रस्ता असो देखाव मोला, देवा बढे मोरी किर्ती आरती गणपती।। ४।। रक्षा कर देवा मोरी, पूजाअर्चा करु तोरी आनु देवा तोर् साती, दुर्वा फुल बेलपाती आरती गणपती।। ५।। सुखकर्ता दुखहर्ता, अशी देवा तोरी ख्याती कृपादृष्टी ठेव देवा, धाव धाव भक्त साती आरती गणपती।। ६।। *** ✍ डॉ. शेखराम परसराम येळेकर नागपूर १५/८/२०२०
विघ्नहर्ता तू...
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विघ्नहर्ता तू... कोरोना को सावट खाल्या गणपती को आगमन करेत विघ्न दूर अशी करूसू प्रार्थना वंदन. आगमन होता देव को हर्ष उत्साह घरघर आतुरता रव्हसे मंग दर्शन की दिवसभर. अच्छो होये पाहिजे सब नोको कोणतीच निराशा कोरोना को करतो नाश बाप्पा आमरो श्री गणेशा. उत्साह मा ऐन् साल भी ठेवबी सुरक्षा की भान शासन को आदेशला भी देबी सब मानसन्मान. =================== उमेंद्र युवराज बिसेन (प्रेरीत) रामाटोला गोंदिया
गणपती बाप्पा मोर्या
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====================== गणपती बाप्पा मोर्या गौरा माई माय । बाप शिव भोला ।। गणपती तोला। ।नमो नमो ,,,,,,,,,।। भाद्रपद मास । तोरो आगमन ।। देव गजानन । विग्नहर्ता ,,,,,,,।। अष्ट विनायक । रिद्धी सिद्धी पति ।। तोला गणपती । नमो नमो ,,,,,,,,,।। चौदा विद्या तोला । चौसष्ट कला ।। देवता भी तोला । पुज् सेती ,,,,,,,।। संकट को साथी । असी तोरी किर्ती ।। तुच् मंगलमुर्ती । नमो नमो ,,,,,,,,,,,।। देवता मा तोरो । प्रथम से मान ।। जगको कल्याण । तोरो हात् ,,,,,,।। संकट की घड़ी ।आयी देश भर ।। बाप्पा दुर कर् ।कोरोनाला ,,,,,।। तोरो बिना नही । आमरो कैवारी ।। विनंती से मोरी । देवा तोला ,,,,,,,,।। चरणोमा तोरो । सदा मोरो माथा ।। तुच गणनाथा । सुखकर्ता ,,,,,,,,,,,,,।। !!!कवी !!! श्री हिरदीलाल नेतरामजी ठाकरे पोवार समाज एकता मंच परिवार ======================
राष्ट्रीय पोवारी चारोली स्पर्धा, विषय: समाजका उपकार
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पोवारी साहित्य एवं सांस्कृतिक उत्कर्ष परिवार आयोजित राष्ट्रीय पोवारी चारोली स्पर्धा दिनांक: ०४.०९.२०२१ (शनिवार) विषय: समाजका उपकार *********************************************** आयोजक : डॉ. प्रल्हाद हरिणखेडे "प्रहरी" परीक्षक : इतिहासकार प्राचार्य ओ. सी. पटले सर ************************************************* 1. पोवारी साहित्य एवं सांस्कृतिक उत्कर्ष परिवार आयोजित राष्ट्रीय पोवारी चारोली स्पर्धा दिनांक:०४/०९/२०२१ (शनिवार) समाज का उपकार पोवार आमी पोवारी लक् से प्यार। चलो फेटबिन येन् महान समाज का उपकार।। पोवार अन् पोवारी को करो प्रचार प्रसार। पोवार/पंवार समाज करे तुमरो सत्कार।। ✍️ डॉ विशाल जियालाल बिसेन ************************************** 2. पोवारी साहित्य, सांस्कृतिक उत्कर्ष द्वारा आयोजित चारोळीस़्पर्धा विषय - समाजका उपकार समाज न देईस आमला एक विशिष्ट पहिचान, पोवार समाजको चलो बढाव् बीन आम्ही मान. . . . . . . . . . . . . चिरंजीव बिसेन . . . . . . . . . . . . . . . . . गोंदिया ********************************** 3. पोवारी साहित्य एवं सांस्कृतिक उत्कर्ष परिवार आयोजित राष्
राष्ट्रीय पोवारी काव्यस्पर्धा, विषय :शिक्षकः गुरू प्रतिमा
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पोवारी साहित्य एवं सांस्कृतिक उत्कर्ष समुह द्वारा आयोजित राष्ट्रीय पोवारी काव्यस्पर्धा काव्यस्पर्धा क्र. १६ ^^^^^^^^^^^^^^^^^ 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 विषय :शिक्षकः गुरू प्रतिमा 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻 दिवस - इतवार तारीख - ०५/०९/२०२१ ******************************* गुरू दिपस्तंभ.... (अभंग रचना) गुरू वंदनीय ।। गूरू कल्पतरू ।। गुरू वाटसरू ।। जीवनको ।।१।। गुरू देखावसे ।। मार्ग सुखकर ।। महिमा अपार ।। रव्ह सदा ।।२।। पवित्र विचार ।। जीवनको सारं ।। कर से उद्धार ।। गुरू उच ।।३।। माय बाप सेती ।। पहिलाच गुरू ।। नाव मी सुमरू ।। जन्मभर ।।४।। शिक्षक रूपमा।। गुरू की प्रतिमा।। धन्य वा महिमा।। उनकी से ।।५।। शि-शिस्तप्रिय से।।क्ष-क्षमा से गुण।। क-कर्तुत्ववान।। शिक्षकच ।।६।। करू गुनगान।। करबी सन्मान।। रव्हती विद्वान।। गुरू जन ।।७।। गुरू रव्ह ज्ञान।। ज्ञानको आरंभ।। रव्ह दिपस्तंभ।। जीवनमा ।।८।। ==================== उमेंद्र युवराज बिसेन (प्रेरीत) रामाटोला (अंजोरा) गोंदिया ९६७३९६५३११ *************************** "शिक्षक" अना