गौरवशाली इतिहास वर्तमान के लिए प्रेरक

 गौरवशाली इतिहास वर्तमान के लिए प्रेरक


    हमारा समाज अब हर क्षेत्र में तरक्की कर रहा है इसे और आगे ले जाने की आवश्यकता है। हमारे पुरखों ने पावन वैनगंगा के आंचल में आकर कृषि कार्यों में काफी तरक्की की थी और आज धीरे-धीरे अलग-अलग क्षेत्रों के जाकर अपनी विशेष पहचान बनाई हैं। अब हमें अपने समाज की नई पीढ़ी को और आगे ले जाना है। इसके लिए आवश्यकता इस बात की है कि विभिन्न क्षेत्रों में सफलता पा चुके समाज के सभी सम्मानीय सदस्य मिलकर नई पीढ़ी को प्रोत्साहित करें और उन्हें यह आत्मविश्वास दिलाएं की हमारा इतिहास बहुत ही गौरवशाली था और उनके हम वंशज अपने उन्नत संस्कारों के साथ खुद को, अपने परिवार को, अपने पोवार समाज को और देश को आगे लाने के लिए ऊंचे स्वप्न के साथ अपने-अपने पसंद के क्षेत्रों में खूब तरक्की करें।

    हमारा अतीत तो बहुत ही गौरवशाली था और पिछले तीन शताब्दियों में हमारे पुरखों ने सामूहिक प्रयासों से तानाशाह औरंगजेब की सेना को तक इस क्षेत्र में तक परास्त कर दिया था और मराठाओं के साथ मिलकर कई क्षेत्रों को जीत लिया था। इसके उपरांत विजय स्वरूप उनको मिले एक नवीन क्षेत्र को अपनी सामूहिक मेहनत से धन-धान्य में परिपूर्ण कर दिया। छत्तीश क्षत्रियों के इस संघ पंवार ने अपनी मेहनत से वैनगंगा क्षेत्र में विशिष्ट पहचान बनाई थी और हम इन्ही वीर क्षत्रियों के वंशज है तो हम आज कैसे पीछे रह सकते है। आज भी हर पोवार युवा को अपनी पसंद के क्षेत्र में विकास की नवीन ऊंचाई को प्राप्त करना है।

    सम्राट विक्रमादित्य, महाराजा भोज, राजा जगदेव पँवार को हम अपना आदर्श मानते है और उनकी प्रेरणा हमें  उच्च आदर्श के साथ लक्ष्यों के प्राप्ति के लिए प्रेरित करते हैं साथ ही यह प्रेरणा हम सभी को मिलकर समाज के उत्थान के लिए निरंतर कार्य करने के लिए उत्साहित भी करती है।

                                                              ✍️ ऋषि बिसेन(IRS)

                                                     


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