राष्ट्रीय पोवारी चारोली स्पर्धा

 पोवारी साहित्य एवं सांस्कृतिक उत्कर्ष परिवार आयोजित

राष्ट्रीय पोवारी चारोली स्पर्धा

दिनांक: २५.०९.२०२१ (शनिवार)

विषय: मशाल

*************

आयोजक : डॉ. प्रल्हाद हरिणखेडे "प्रहरी"

*************

परीक्षक : इतिहासकार प्राचार्य ओ. सी. पटले सर

**********************************************


 🌸🌺पोवारी चारोली🌺🌸

***************************************


जागों उठो वीर क्षत्रिय पंवार पोवार !

धरकन हाथ मा  एकता की मशाल !!

कसो मुराये आपली पुश्तेनी पहिचान !

मोठी से हामरी पोवारी संस्कारी ढाल !!


✍🏼ऋषि बिसेन, खामघाट(बालाघाट)

🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁


***************************************


पोवारी की मशाल 


ज़िद की मशाल, स्वाभिमान की मशाल।

धैर्य की मशाल, संघर्ष की मशाल।।

युवा/बुड़गा की मशाल, आई/माई की मशाल।

या आय आमरो अस्तित्व की मशाल ।।


✍️ डॉ विशाल जियालाल बिसेन

नवी मुंबई (मोरो गांव : देवसर्रा ता: तुमसर जिल्हा : भंडारा ) mobile: 9920499396


***************************************


पोवारी की मशाल


सुसंस्कृत सिद्ध पराक्रमी होता पूर्वज

विक्रमादित्य भोजमहा भया दिग्गज

का नपुंसक बनबी आमी सकार का सूरज

मशाल पोवारी की सबसाटी बने अचरज....


✍️ रणदीप कंठीलाल बिसने

मु.सिंदीपार


***************************************

 सभ्य संस्कृति आमरी 

जीवित रहे सदा

मुन पोवारी की मशाल

जलती रहे सदा


✍🏻✍🏻✍🏻

महेन पटले

***************************************



विषय :- मशाल


••••••••••••••••••••••••••••••••

शिर्षक:- ठेवो वंशको खयाल

           (अष्टाक्षरी)


मायबोली पोवारीकी

धरो हातमा मशाल |

जीत्ती ठेवन पोवारी

ठेवो वंशको खयाल ||


••••••••••••••••••••••••••••••••

✍️ इंजी. गोवर्धन बिसेन, गोंदिया.

 मो. ९४२२८३२९४१

***************************************



विषय :- मशाल

शिर्षक:- खुशहाल

••••••••••••••••••••••••••••••••

बीर निडर पोवार

तोरो हातमा मशाल

रहे पोवारी बोली

हरदम खुशहाल

••••••••••••••••••••

डॉ. प्रल्हाद हरिणखेड़े "प्रहरी"

डोंगरगाव/ उलवे, नवी मुंबई

 मो. ९८६९९९३९०७

***************************************


विषय - मशाल

*****


हर शब्द बन गयी से पत्थर 

हर काव्य बन गयी से मशाल, 

पोवारी साहित्यिक क् कारण 

पोवारी ला दिन आया खुशहाल. 


. . . . . . . . . . . . चिरंजीव बिसेन

. . . . . . . . . . . . . . . .  गोंदिया


***************************************

 मशाल 


पोवारी की मशाल धर कर,

हिट्या सेत  भाई बंधु मोरा।

मिट जाए समाज को अंधकार,

खुल जायेत जब सब का डोरा।


✍️स्वाती कटरे तुरकर


***************************************




पोवारी अस्मिता की मशाल

**********

🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩

हर शब्द बन गयेव मशाल l

हर अक्षर भी बनेव मशाल l

हर विचार धगधगती मशाल l

पोवारी अस्मिता की पेटी मशाल ll

 - ओ. सी.पटले

मोहाड़ी, आमगांंव

🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹

***************************************

Comments

Popular posts from this blog

पोवारी साहित्य सरिता भाग ५४

पोवारी साहित्य सरिता भाग ६९

पोवारी साहित्य सरिता