गाव जेवन आबं बी आवं से याद

 गाव जेवन आबं बी आवं से याद


आम्बा की वा स्वादिष्ट चटनी

आम्बा पन्हा संग भिगी सेवई

आम्बा को रस संगमा घिवारी

आम्बा रायतो की तिखी फोड़ी!


कोहरो की लुस- लुसीत स्याक

सुरन दे मटन को भरपूर स्वाद

दार-बडी़ की से निरालीच बात

खुलं-फोड़ींनको लेयो आस्वाद।


गरम- गरम भात चून को साथ

वोकोपर घीव, सोनो मा सुहाग

बनी होती पाटोडी़ एक दिवस

संग मा वोको होतो आंबा-रस।


कालच खाया भानीभर कन्हुला

रसा मा तरंगता कुरथा का दाना

मन कहे खाव पर पोट ना जागा

उनकी याद से अज भी ताज्जा।


का तेल बड़ा अना का पान बड़ा 

गुपत होता एक पर एक तोंडमा

लाखोरी भाजी मा बोर- कुकसा

चना चनोली पोपट बाल को रसा।


केतरो सांगु गा मी जेवन की मजा

बिह्या पंगतमा व्यंजन सुवारी बड़ा

भटई को स्याक मा परी भर   रसा

गरम भात खावो मोंगरा पर मोंगरा।

-------डॉ ज्ञानेश्वर टेंभरे* २६-०४-२०२३

Comments

Popular posts from this blog

पोवारी साहित्य सरिता भाग ५४

पोवारी साहित्य सरिता भाग ६९

पोवारी साहित्य सरिता