क्षत्रिय पँवार

 

क्षत्रिय पँवार

आबूगढ़ की पावन भूमि से उपजा ये पँवार
उज्जैन धार की वीरभूमि से जन्मा ये पँवार
मालवा राजपुताना से इधर आया ये पँवार
नगरधन में क्षत्रिय वैभव को लाया ये पँवार

माँ वैनगंगा के आंचल में पला बढ़ा ये पँवार
प्यारी पोवारी बोली को बोलता है ये पँवार
पोवार नाम के साथ भी जाना जाता ये पँवार
पोवारी सनातनी संस्कृति को जीता ये पँवार

नागपुर से छत्तीसगढ़ तक बढ़ता रहा ये पँवार
बैहर में बसाता रहा अपना तीर्थस्थल ये पँवार
सिवनी बालाघाट जिलों का गौरव हैं ये पँवार
भंडारा व गोंदिया जिलों की शान हैं ये पँवार

36 क्षत्रिय कुरो का एक संगठन हैं ये पँवार
कुलदेवी माँ गढ़कालिका भक्त हैं ये पँवार


राजा मुंज की शक्ति से शुशोभित ये पँवार
राजा जगदेव की भक्ति से भगत है ये पँवार

राजा भोजदेव के ज्ञान से ज्ञानी है ये पँवार
गुरु भृतहरि के ज्ञान से कुंदन बना  ये पँवार

विक्रमादित्य के शौर्य से जाना गया ये पँवार
लक्ष्मणदेव की कर्मभूमि पर बसा ये पँवार

शासक से कृषक तक सफल रहा ये पँवार
ज्ञान से विज्ञान तक आज बुलंद हैं ये पँवार
सनातनी से क्षत्रिय धर्म निभाता हैं ये पँवार
भारतवर्ष में विजय पताका फहराता ये पँवार
ऋषिबिसेन

नागपुर

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