सम्राट राजा भोज की विशेषता
सम्राट
राजा भोज की विशेषता
आन
बान शान को से आमरो समाज!
सम्राट
राजा भोज समाज को सरताज!!
बहादुर
वीर होतो समाज करसे नाज!
समाज
साती उठाव फनकारी आवाज!!
बलिष्ठ
देखकन विरोधी राजा पराया होता!
गांगेय
तैलप सारखा थर्राया हार गया होता!!
चौरासी
ग्रंथ को रचनाकार होतो विज्ञाता!
राजा
भोज को राज्य मा सुखी सब होता!!
भेदभाव
नहीं करीस;कर पल मा समझौता!
प्रजा
सुखी रव्ह सबलक ठेव रिश्ता नाता!!
माय
गढ़काली को चरण मा ठेव सदा माथा!
बाप
सिंधूलराज;माय सावित्री होती माता!!
युद्ध
हजारों जितीसेस होतो चमत्कारी!
माय
भवानी को वरदानी होतो अवतारी!!
किसान
को बेटा होतो परम आज्ञाकारी!
उज्जैन
शहर;होती
सुन्दर धार नगरी प्यारी।
सोलह
संस्कार सब रिती रिवाज अपनाव!
सबको
संकट मा राजा भोज दौड़के धाव!!
मजाकिया
होतो सबको मन हृदय हर्षाव!
बिया
बरात मा जाय तो समाज शान बढ़ाव।
आपरो
समाज की से शानदार अस्मिता!
या
रिती रिवाज पर लिखीसेव कविता!!
मायबोली
बचावनो सब बहिन भाई भ्राता!
टकरावनो
मुश्किल मा एकता ठेओ आता।
देवी
गीतकार-रामचरण हरचंद पटले
महाकाली
नगर नागपुर मोबाइल नं.९८२३९३४६५६
मुकाम
पोष्ट कटेरा तहसील -कटंगी जिला बालाघाट (म.प्र)
Comments
Post a Comment