Panwar History Fact
The Orissa Historical Research Journal, Volume 16 में इस बात का उल्लेख है कि भोंसले राजाओं के साथ कटक पर आक्रमण के लिए पंवार राजपूत ने उनका सहयोग किया था, इस विजय के बाद उन्हें उपहार स्वरूप वैनगंगा के क्षेत्र मिले थे, जहाँ इनकी स्थायी बसाहट हो गयी। मध्यभारत में बालाघाट, सिवनी, गोंदिया और भंडारा जिलों में पंवार राजपूतों की बसाहट है, जिन्हें छत्तीस कुर के पोवार या पंवार के नाम से भी जाना जाता है।
Comments
Post a Comment