क्षत्रिय पंवार(पोवार) समाज समाज का इतिहास और बैहर क्षेत्र में पंवारों का आगमन तथा समाज में संगठनों का विकास

 जय सियाराम 

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बालाघाट जिले के पोंडी(उकवा) में पंवार राम मंदिर ट्रस्ट की क्षत्रिय पंवार सर्किल समिति उकवा के द्वारा समाज के सांस्कृतिक भवन, "पंवार मंगल भवन" के निर्माण के लिए भूमि पूजन कार्यक्रम का आयोजन हुआ।

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क्षत्रिय पंवार(पोवार) समाज समाज का इतिहास और बैहर क्षेत्र में पंवारों का आगमन तथा समाज में संगठनों का विकास 

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मालवा से क्षत्रिय पोवारों का नागपुर वैनगंगा क्षेत्र में अठारहवी सदी में आगमन हुआ था। बाद में ब्रिटिश काल में भंडारा तथा मंडला जिलों के कुछ भागों को मिलाकर 1867 में बालाघाट जिले का गठन हुआ।

अतीत में स्थानीय राजाओं के कालक्रम सहित ब्रिटिश काल में पंवार समाज की सैन्य और राजकीय अनुभव के कारण 1875 के आसपास सतपुढ़ा पर्वत के पार बैहर तहसील के अनेक गाँवों की पंवारों को जागीरदारी देकर उन्हें बसाया गया और बड़ी संख्या में समाजजन बैहर, परसवाड़ा, बिरसा, उकवा आदि क्षेत्रों के गाँवों में बस गये। इसी समय से समाज में संगठनों का दौर आरम्भ हुआ था।

पोवारों का प्रथम ज्ञात संगठन पंवार सुधारणी सभा के गठन हुआ और बैहर के सिहारपाठ पहाड़ी पर समाज के द्वारा ज़मीन खरीदकर पंवार राममंदिर की स्थापना हुयी। तब से लेकर आज तक इस पहाड़ी पर काफ़ी विकास हुआ और यह समाज का सबसे बड़ा तीर्थस्थल बन गया है । इस तीर्थ की देखभाल, विकास और समाज के सर्वविकास समाज की सबसे प्रतिष्ठित और प्रमुख संस्था, "पंवार राममंदिर ट्रष्ट, बैहर" के द्वारा किया जाता है।

समाज के इस सबसे प्रतिष्ठित तीर्थ स्थल की देखभाल के साथ समाज की संगठित तथा अपनी संस्कृति के रक्षण में यह संगठन सबसे अग्रणी हैँ। यह संगठन और इसकी अनुशंगी समितियों के द्वारा अपने अपने क्षेत्रों में समाज के उत्थान और पोवारी संस्कृति के रक्षण का कार्य किया जा रहा हैँ।

पंवार सर्कल उकवा के द्वारा पंवार मंगल भवन का निर्माण इसी कड़ी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैँ। आशा करते है की यह पंवार मंगल भवन समाज की संस्कृति के रक्षण, समाज की भाषा, पोवारी के उत्थान सहित समाज के सर्विकास में अग्रणी संस्थान बनेगा। इस कार्य के लिए संगठनों के सभी पदाधिकारियों और समाजजनों को बहुत बहुत बधाइयाँ और शुभकामनायें।

जय क्षत्रिय पंवार(पोवार) समाज 

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