नवई को सन
नवई को सन
श्रावण शुक्ल नवमी तिथी को दिन पोवारी त्यौहार "नवई" मनायव जासे। माय आपलो बाल बच्चा इनको मंगल साठी उपास ठेवसे।लहान लहान नव अना एक मोठी रोटी बनाई जासे।दूसरी महिला मोठी रोटी का नव टुकड़ा कर उपास वाली माय की ओटी भरसे।माय देवघर को दीवाल पर हल्दी कुकू का नव टिका लगावसे अना उनको पर नव लहान रोटी पर खीर लगायकर चिपकावसे। गुड़,घिव को हवन करे जासे।दूय आंग खिला पर नवो कपड़ा टांगनो मा आवसे।माय उन कपड़ा को पाय लगसे।मंग माय आपलो टुरा,टुरी न का पाय लगसे।
【श्रोत: पंवारी ज्ञानदीप लक साभार】
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