पोवार(छत्तीस कुल पंवार) समाज के सही नामों से संस्थाओं की स्थापना

 पोवार(छत्तीस कुल पंवार) समाज के सही नामों से संस्थाओं की स्थापना

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आज पवार प्रगतीशील मंच गोंदिया कि वार्षिक आमसभा मे मा.अध्यक्ष कि अनुमती से आने वाले अन्य विषय मे श्री किशोर भगत व अन्य सभासद द्वारा पोवार / पंवार इस विषय पर चर्चा कर सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर संस्था का नाम पोवार प्रगतीशील मंच / पोवार सांस्कृतिक भवन ऐसा उल्लेख करने का निर्णय लिया गया।

जैसा की विदित है की मालवा राजपुताना से आकर वैनगंगा क्षेत्र में बसें छत्तीस कुल के पोवारों के पुरातन नाम पोवार(Powar) और पंवार(Panwar) है तथा समाज की भाषा का साहित्यिक नाम पोवारी(Powari) है। हाल की वर्षो में कुछ भ्रम की स्थिति के कारण पोवार(छत्तीस कुल पंवार) समाज संस्थाओं के पंजीकरण के समय समाज का नाम पवार और भाषा का नाम पोवारी के स्थान पर उसकेअपभ्रंश पवारी से हो गये थे।

समाजजनो के द्वारा यह निरंतर मांग की जाती रही है की समाज की संस्थाओं में मूल नाम ही रहें। इसी क्रम में पवार प्रगतिशील मंच गोंदिया का नाम पोवार से किया जाने का प्रस्ताव पारित किया जाना एक स्वागत योग्य कदम है। इसी प्रकार महासभा और रायपुर के पुराने संगठनों सहित कई अन्य संस्थाओं ने मूल नाम पंवार और पोवार नामों को रखने पर अपनी सहमति जता चुके हैं।

छत्तीस कुल पोवार समाज मुख्यतया बालाघाट, गोंदिया, भंडारा और सिवनी जिलों में निवासरत है। नागपुर, रायपुर, जबलपुर, भोपाल सहित कई शहरों में अब काफ़ी संख्या में स्वजातीय समाज जन निवास करते हैं। आज जरुरत है की नई पीढ़ी को समाज के सही पहचान और संस्कृति से परिचित कराये ताकि समाज की संस्कृति का संरक्षित और संवर्धित हो सके।

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समस्त क्षत्रिय पोवार/पंवार समाज

जय श्रीराम🙏🏼🚩🙏🏼


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