हमारी पोवारी आस्था

 

                                   हमारी पोवारी आस्था

****************************

हमारे समुदाय में हम कुलदेवता को  बहुत महत्व देते है ।

हम सात कुलदेव (सप्तर्षि) का पूजन करते है ,  नौ ग्रह पूजन भी करते है । 

समस्त देवताओं के   प्रतिनिधिक रूप में हम चौरी को सदा अपने देवघर में बनाये रखते है । 

ब्रम्हांडीय शिव यानी जड़ तत्व व शक्ति यानी चेतन शक्ति को हम  पूजते है । 

हम अग्नि को महत्व देते है । 

हम सूर्य को प्रतिदिन आचमन करते है । प्रकृति के प्रति हमारा आदरभाव है । 

हम पहले शाकाहारी थे यह हमारे पुरखे बता गए । हम आजभी किसी भी पूजा में हत्या नही करते। इस बदले व विपरीत समय मे जो लोग मांसाहारी बन गए , वो लोग आजभी जिन चूल्हों पर नैवेद्य बनता है उन  चूल्हों पर  कभी मांस नही पकाते । 

हमारे समुदाय में चूल्हे पूजन कर सदा पवित्र रखे जाते है । 

पूजन के दौरान हम अग्नि पर सदैव नैवेद्य अर्पित करते है । 

हम पितरों को पूजते है । यह मातृपितृ पूर्वज पूजन हम श्राध्द आदि के द्वारा पूर्ण करते है । यह   परंपरा दरअसल मन मे अपने पूर्वज व बुजुर्गों के प्रति सन्मान श्रध्दा का निर्माण करने वाले संस्कार है । 

हम वास्तव में प्राचीन भारतीय परम्परा के पालनकर्ता है ।

........

पोवारी संस्कार चिंतन

Comments

Popular posts from this blog

पोवारी साहित्य सरिता भाग ५४

पोवारी साहित्य सरिता भाग ६९

पोवारी साहित्य सरिता