जन्माष्टमी क उपलक्ष मा कविता


 जन्माष्टमी क उपलक्ष मा कविता 

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आंगपाय धोयके सकाळीच देव आणण जासे |

जल्दी करो तयारी आमरो "कृष्णा " घर आवसे ||


लायी चणा को त्योहार आय दिवस कसो जासे |

लवकर करो तयारी आमरो कानुबा आवसे ||


आई करसे सरायपोत मी आणूसू माती ना बेलपाती |

मोहू का भी पाना आणूसू दोना बनावनसाठी ||


रंग से निळो डोईपर मोरपंख हाथ मा से बासरी |

गाना आइक के कृष्ण का राधा भयि बावरी ||


जब पासून मोरी कृष्णा संग भयि से पहचान |

रस्ता भय गयि रोशन आब वरी होती सुनसान ||


मोरो सावलो को जल्दी करो जी शृंगार |

राधाराणीला भेटणं जाणो से यमुना पार ||


ढोल ताशा ल रात सजी सब जण करो भजन |

टाळी बजाय के जैजैकार कारसेति सब जण ||


फलफुल्ल ना पाहुणचार को पारना बंधीसे |

मोरो राजा कृष्णा अंदर डोला झुलसे ||  


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देवराज भुरकन पारधी 

वडद 

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९५४५०६८०९०




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