अज को चिंतन

 अज को चिंतन

जिनन गलत उदाहरण स्थापित करिन , जिनन मर्यादा को पालन नही करीन , उनला कोनतो बी प्रकारलका महत्व देनो यानी गलत बातला महत्व देनो आय । अच्छी बात को आदर्श सामने आहै त् नवी पीढ़ी अच्छी बात को प्रति आकर्षित होये । गलत करने वाला अगर आदर्श बन्या त् नवी पीढ़ी बी गलत को प्रति आकर्षित होये । आमला सामाजिक पतन की तरफ नही बल्कि सांस्कृतिक मजबूती , उत्कृष्टता को तरफ जानो से ।

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इतिहास आमला बहुत काइ सिखाय कर जासे । 

भारत गुलाम काहे बन्यव ।

काहे की भारतीय आपली सोच अना विचारधारा मा  एक नोहोता  । जब बी भारत मा आततायी आक्रांता आया तब लोग तितरबितर भय गया । काइ सत्ता प्राप्तिलाइक आपस मा भीड़ गया, त् काइ  आक्रांताओं को पक्ष मा पहुच गया । काइ स्वार्थ मा आततायी लोगइनका साथी बनके आपलो च लोगइनका दुश्मन बन गया । यव पहलेलका चल रही से। आपलो च लोगइनको विरोध करके दुश्मन को काम हलकों करनो पहले लका चल रही से । जब देश का , धर्म का दुश्मन को प्रतिकार करनो से त् आपस मा लड़ाई नही होना । सब एक होना । सत्ता को संघर्ष मा खींचातानी ठीक नाहाय । या खींचातानी दुश्मन पक्ष ला मजबूती देसे । जो गलती पहले भयी से वर्तमानमा न होये यको चिंतन होनो जरूरी से ।

जिनकी विचारधारा पक्की नाहाय , जे स्वार्थ मा जिधर दम उधर हम वाला रव्हसेत वय स्वार्थ त् साध लेसेत पर उनको यश क्षणिक रव्हसे या वय सदा सन्मानित नही रव्हत ।

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