प्रेरणादायक कहानि
प्रेरणादायक कहानि
एक रेस्टोरेंट मा कई बार मीन देखेव कि, एक व्यक्ति आवसे अना भीड़ देख कर चुपका लका नाश्ता करके बिना बिल देयकन चुपका ल निकल जासे.
एक दिन जब वू खाय रहेव होतो त मीन चुपका लका रेस्टोरेंट मालिकला सूचित करेव कि अमुक आदमी बिना बिल चुकायेव चुपका ल निकल जाये.
मोरी बात आयकश्यानी रेस्टोरेंट को मालिक मुस्कराय कन कसे,
वोला बिना काही कहेव जान देव, आम्ही एको बारेमा बाद मा बात करबिन.
हमेशा को तरीका लका नाश्ता करिस अना भीड़ को फायदा ल बिना बिल चुकायेव निकल गयेव.
वोको जान को बाद मीन रेस्टोरेंट को मालिक ला पूछेव कि मोला सांगो तुम्ही वोन व्यक्ति ला जान काहे देयात?🤔
रेस्टोरेंट को मालिक द्वारा देयेव गयेव जवाब होतो कि, तुम्ही एकटा नाहाव कि वोला देख्यात अना मोला सांग्यात. वू रेस्टोरेंट को सामने बस से अना जब देख से कि भीड़ से, त चुपका ल खाना खाय लेसे.
मीन हमेशा नजरअंदाज करेव अना वोला कभी रोकेव नहीं, वोला कभी पकडेव नहीं, ना ही कभी वोको अपमान करन कि कोसिस करेव..काहेकि मोला असो लगसे कि मोरो दुकान कि भीड़ वोन भाई कि प्राथना को कारण लका से.
वू मोरो रेस्टोरेंट को सामने बस स्यानी प्रार्थना करसे कि जल्दी येन रेस्टोरेंट मा भीड़ होय जाय अना मी अंदर जाय सकू अना काही खाय सकू.. अना निश्चित बात से कि जब वू अंदर आवसे तब खुप भीड़ रवसे. त या भीड़ भी वोको प्रार्थना लकाच रवसे.
शायद एकोलाई कवसेत कि नोको करो घमंड यतरो कि मी तुम्हला खिलाय रही सेव...
का मालूम कि तुम्ही खुद कोनिको भाग्य को खाय रह्या सेव?🤔
प्रस्तुतकर्ता-
✒️ ऋषिकेश गौतम (28-04-2022)
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