पटला कुल की वंशावली

 हम जब छोटे थे तब हमारे पोवार समुदाय के बुजुर्ग सदा 

"आमी पोवार आजन , आमी धारानगरी लका इतन आया, धारानगरी को राजा भोज बी आमरोच समाज का होथा"  

ऐसा हमे बताते थे । हम अब पटले कुल लिखते है । हमारे दादा दादी जब भी कुल नाम बताते थे तब वे स्वयम को "आमी पटला आजन" कहते थे । पोवारी में हमारे पटले कुलनाम को पटला कहा जाता है । 

मन मे प्रश्न उठा की अगर हम पटला है तो अवश्य हमारे नाम के लोग पंवार जाती के इतिहास में होने चाहिए । अगर हम राजा भोज से सबंधित है तो हमारे कुल नाम वाले कोई तो राजा भोज के संबधी होंगे ही । प्राचीन इतिहास की किताबो में हमारा कुलनाम जरूर होना चाहिए । 

और वे गलत नही थे ,  यह नाम मिला भी ।  इतिहास की किताबो में वंशावली भी मिली जो 1287 तक कि है । यह इतिहास पुरातत्व विभाग के विशेषज्ञों द्वारा शिलालेखों के आधार पर लिखा गया है । 


सन 1287  के पहले की वंशावली इस तरह हैं---

पटला कुल की वंशावली 


वाक्पति मुंज 

अरण्यराज 

धंधुक

कृष्ण द्वितीय 

योगराजा

रामदेव

यशोधवल 

धारावर्ष 

सोमसिंह 

कृष्णराज 

प्रतापसिंह पटला 

...... (सन 1287)


पोवार या प्रमारो की इस शाखा का यह नाम आजभी नए रूप में मौजूद है जिसे अब पटला के बजाए पटले लिखा जाता है ।  खैर जो भी हो परन्तु इतना पक्का है कि सन 1287 के दरम्यान यह नाम मौजूद था ।  


इतिहास शोध 

द्वारा महेन पटले



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