ईर्शा की भावना मानवता साती होसे घातक

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ईर्शा की भावना मानवता साती होसे घातक

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मोरो सजातीय समाज बंधुओं ला हिरदीलाल ठाकरे को सादर प्रणाम जय राजा भोज जय माहामाया गढ़कालिका सबको कल्याण करें , मोरी सबला एक करबद्ध प्रार्थना से की आपलो सुखी समृद्ध जीवन मा मानवता को प्रती व आपलो समाज को प्रती या भाईचारा को प्रती आपलो मन मा जहर भरने वालो दुर्गुण म्हणजे एक ईर्शा आय असो मोला लग् से , आपलो मन मा इर्शा जसी नाकारात्मक भावना ठेयकर या कपट जसी घटिया भावना ठेयकर कोन्ही भी माणूस सामाजिक व परोपकारीक जनहितकारी सदाचारी जसा कार्य कभी  नही कर सक् , ईर्शा जसी भावना ठेयकर समाज को पर्ती आपली जवाबदारी ला नही समज सक् , ईर्शा की भावना ठेयकर आपलो अस्तित्व व आपलो संस्कृति अना संस्कार ला नही समज सक् , ईर्शा की भावना ठेयकर माणूस कभी भी साकारात्मक विचारधारा सत्य धर्म व मानवता जसी भावना नही ठेय सक् , ईर्शा की भावना ठेवने वालो माणूस केतरो भी श्रीमंत रव्ह केतरो उच्चशिक्षित रव्ह या केतरो भी गुणवंत रव्ह पर ईर्शा की भावना को कारण लक सब मिथ्या से असो मोला लगसे , आपलो पेक्षा कोणी तरी यशस्वी रहे पायजे , आपलो पेक्षा कोणी तरी मोठो नामवंत कलावंत होये पायजे अना कोणी तरी आपलो पेक्षा जास्त विश्वविख्यात होये पायजे असी साकारात्मक विचारधारा ईर्शा ठेवने वालो माणूस को मन मा कभी नही कभीच नही आव् येलाच कसेत ईर्शा , तुम्ही केतरो भी चांगलो कार्य कर लेव या आपलो जीवन सामाजिक कार्य साती समर्पित कर लेव या समाजसेवा राष्ट्रसेवा साती आपलो सर्वस्व न्यौछावर कर लेव पर ईर्शा की भावना ठेवने वालो व्यक्ती कभी भी तुमरी प्रसंसा नही कर् उलटो तुमरोच विरुद्ध घटीया षड्यंत्र रचे काहे का ?  वोको दिमाग मा ईर्शा का कीड़ा रव्ह सेत अना साकारात्मक विचारधारा वोको दिमाग मा नही बस् !!

आपलो मानवी जीवन मा दुसरो को प्रती या समाजोत्थान को प्रती ईर्शा की भावना ठेवने वालो माणूस एक मानसिक रोगी लक भी ज्यादा खतरनाक साबित होसे ,ईर्शा म्हणंजे दुसरो को सुख व दुसरो की प्रसिद्धि अना दुसरो ला मिलने वाली विश्वविख्यात वनन की संधी व सामाजिक राजनीतिक व शैक्षणिक योग्यता व मान सम्मान ये सब देख देखकर वोको मन मा होनेवाली दुसरो को प्रती कटुरता व वोको चांगलो सामाजिक कार्य सामाजिक योग्यता की प्रसंशा न करता उलटो वोकच कार्य मा बाधा उत्पन्न करनो या वोको प्रसंसिय कार्यला स्विकार न करता वोकोच प्रती नाकारात्मक व कटुरतापुर्वक चुगली करनो येलाच कसेत ईर्शा , अगर आपलोच संगमा आपलोच जवर को माणूस आपलोच माणूस की बुराई कर् सेत तब् आपलोला असंख्य वेदना होसेत , आपलोच माणूस आपलोच समाज को हितेषी या शुभचिंतक नही होय अना सिर्फ अना सिर्फ आपलोच सक्रिय कार्यकर्ता इनकी टागंच खिचनो मा व्यस्त रव्ह से तब् आपलो अंतरात्मा मा बहुत बहुत पीड़ा होसे !!

हेव अना ईर्शा ये दुही दुर्गुण मणूष्य जीवन का सबसे मोठा शत्रु सेत , ईर्शा अना हेवा करने वालो माणूस खुद की तरक्की त् थाबांव् सेच पर समाज को विकास व सामाजिक कार्यमा भी अडथडा निर्माण कर सक् से , जेव मनुष्य आपलो मन मा इर्शा अना हेवा जसी भावना ठेयकर दुसरो को सुख समृद्धि कला व दुसरो ला मिलने वालो सामाजिक सम्मान तसोच समस्त जन-मानस मा वोकी वाहवाही देखकर वोको बारामाच हमेशा नाकारात्मक बिचार कर् से अना वोला अपमानित करन साती अलग आलग ढोंग करके खुद को तरक्की पर दुर्लक्ष करत रव्ह से पर कभी येव बिचार नही कर् का मोला भी सामने वालो जसो जलनो से व वोको लक मोला काही प्रेरणादायक गोष्टी आपलो अंगीकार करनो से अना आपलो मेहनत लक आपलो अंतरात्मा लक आपलो पेक्षा कोणी तरी यशस्वी माणूस की प्ररेणा लेयकर आपलो जीवन मा कामयाब बननो येव बहुत बहुत महत्वपूर्ण से कोणी भी मणूष्य आपलो माय को पोट लक शिक कर नही आव् पर येन् संसार मा काही काही माहा पुरूष इनको प्ररेणा लक आपलो जीवन मा काही तरी सामाजिक कार्य व परहितार्थ कार्य अना जनकल्याण समाज कल्याण को कार्य आपलो हात लक घडेतच पायजे येन् विचारधारा लक निस्वार्थी भावना लक आध्यात्मिकता प्रामाणिकता सहनशीलता अना सक्रियता लक खूलकर कर् से अना समस्त जन-मानस को हृदयमा घर बनाव् अना एक दिवस उ माणूस विश्वविख्यात होय जासे , जेव माणूस देगा हरी पलगां वरी करत रव्ह से उ माणूस सिर्फ अना सिर्फ आपलोच सर्वार्थ आपलोच अहंमपणा व नाकारात्मक विचारधारा को मानसिक विकृति को शिकार होय सक् से अना एक सक्रिय कार्यकर्ता ला मिलने वालो सामाजिक सम्मान व सक्रिय कार्यकर्ता प्रती समाज की आस्मियता देखकर तसोच सक्रिय कार्यकर्ता ला समाज मा यशस्वी होता देखकर आपलो मन को मन मा इर्शा करनो वोको बारामा काडी करनो येव बिल्कुल अनुचित से असो मोला लग् से

सबला मोरी करबद्ध प्रार्थना से अगर तुम्ही समाज को स्वाभिमान नही बचाय सको त मिटावन को भी अधिकार तुमला नाहाय , तुम्ही समाज को चांगलो नही कर सको त बुरों भी करन को अधिकार तुमला नाहाय , तुम्ही समाज का शुभचिंतक नही बन सको त हिंसक बनन को भी अधिकार तुमला नाहाय , तुम्ही अगर कोणी को मान सम्मान नही कर सको त अपमान करन को भी अधिकार तुमला नाहाय , आपली लकीर लंबी करन को चक्कर मा दुसरो की लकीर पोसनो पेक्षा आपलोच लकीर ला लंबी करें पायजे असो मोला लग् से , आता बस याहाच थांब जासू भेट होयेच सकारी

      श्री हिरदीलाल नेतरामजी ठाकरे

पोवार समाज एकता मंच पुर्व नागपुर

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