स्वाभिमान साती लिखों बोलो बिन्धास्त

 

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स्वाभिमान साती लिखों बोलो बिन्धास्त

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परमश्रद्धेय श्री आदरणीय जी सबला हिरदीलाल ठाकरे को सादर प्रणाम जय राजा भोज. मोरो सजातीय समाज को समस्त लेखक लेखीका कवी कवीयत्री इनला नतमस्तक विनंती से एक बात हमेशा याद ठेवो की कभी भी लेखनी न कोणी की भी बाट नही देखीस अना कभी भी नही देख् व सामने कभी देखनेवाली भी नाहाय. आम्ही सबजन लिख् सेजन अना आपली आपली भावना व्यक्त कर् सेजन. आमला आपली भावना व्यक्त करन साती कोणी दुसरो व्यक्ती की बाट देखनो व दुसरो को आंजूर लक पाणी पीवनो येव क्षत्रीयो को धर्म नोहोय असो मोला लग् से. कोणी तरी आयकर आमरो बोट धरकर आमला बाट ( रस्ता )  देखाये तबच आम्ही सामने चलबीन असा भी अपाहिज व्यक्तिमत्त्व का आम्ही नही . एक लकडी अंधरा आदमी ला साहारा देयकर चलावसे येव बिचार बिल्कुल भी योग्य नाहाय कारण चलनो त आखीर आपलोच पाय लक से असो मोला लग् से.

आम्ही सब एकच सेजन आमरा बिचार भी एकच रहेत पायजे असो मोला लग् से. कोणतो भी समुदाय या समाज येव सिर्फ अना सिर्फ कोणी एकच माणुस इशारा पर नही चल् वोला चलावन साती सबको सहयोग की व एकजूटता प्रामाणिकता सहनशीलता अना सक्रियता की गरज से असो मोला लग् से. जेव मनुष्य आपलो लेखनी को उपयोग करके आपलो समाज हित साती लिखत रव्ह् से. आपलो राष्ट्र हित साती लिखत रव्ह् से, वोकी काबलीयत की तारिफ कोणी कर् नही नोको कर् पर स्वयंम परमपीता परमेश्वर कर् से. जिनन् जिनन् आपलो स्वाभिमान गीरवी ठेयी सेन अना सच्चाई पर बोलन साती हिम्मत नही करत असा गांधी जी का तीन बन्दर भी बहुत सेती, पर जिनला जिनला आपलो आपलो समाज को स्वाभिमान से असा सब समाज जन आपला आपला बिचार लिखत रहो बिनधास्त हृदय लक लिखत रहो, सच्चाई पर बोलन साती अना सच्चाई पर लिखन साती कोणतो भी परिणाम की चिंता करन की गरज नही.  

गंगा को किनारों पर बसी सेव, कभी ना कभी त लहर आये. मोरो कलम लक इतिहास रचे या ना रचे पर मोरो समाज को स्वाभिमान ज़रूर बचे !! आम्ही कोणी मदारी को इशारा पर नाचनेवाली कठपुतली नही की कोणी को दबाव मा आयकर सच्चाई को दामन छोड़ देबीन अना आपलो पुरातनकाल को पहचान ला भुल जाबीन. आमरो लिखेव लक या आमरो बोलेव लक कोणी भाऊ कोणी काका मामा दादा नाराज होय जाये या कोणी बाबाजी नाराज होय जायेत बाबा अना आमरा संबंधित खराब होय जायेत आमला काजक करन को से देखत बसेत वोयच असो बिचार करनेवाला भी बि पी एल बहुत लोग सेत पर येकी भी आमला चिंता करन की गरज नही, अजी जेको पैसा वोकोच काम को, जेको शिक्षण वोकोच काम को, जेकी प्रसिद्धि वोकोच काम की, जेको पद मान सम्मान वोकोच काम को पर समाजमा अधिकार सबला बरोबरी को से, जय राजा भोज जय माहामाया गडकालीका

तुमरोच स्नेही

श्री हिरदीलाल नेतरामजी ठाकरे

पोवार समाज एकता मंच परिवार पुर्व नागपुर

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