महिमा शिव जी की

 महिमा शिव जी की

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कसी गजब की लीला से;

शिव शंकर भगवान की।

ब्रम्हा विष्णु अर्ज करसे ;

बात आय जीवन दान की।


ब्रम्हा जी ला श्राप लगेव तो;

शीश धड़लक कट गई होती!

शंकर जी दया रहम आयी तो;

कटी मुंड पल मा जुड़ी होती!


बिष्णू जी ला श्राप मीलेव पर;

हैग्रीव रुप बन अवतार भयो!

शंकर जी की कृपा भयी तों;

पुनः प्रागट्य चमत्कार भयो!!


ब्रम्हा विष्णुजी ला श्राप लगेव;

झूठ बोलन को कारण दुईला!

धावत-धावत शंकर जी आयो;

ब्रम्हा विष्णु न गाईन महिमाला।


शिव कथा ला आयकन वालो;

तर जासे सहश्त्र कई पिढ़ी ला!

मनन चिन्तन भजन गानवालो;

होय जासे सदाशिव रखवाला।।


अन्तर्मन लक लिखकन कविता;

या आय मोरी पोवारी अस्मिता!

ब्रम्हा जी से जगत सृष्टि रचिता;

शिव पार्वती आती माता पिता।


जय जय हो माय गढ़काली;

तुच ब्रम्हाणी कल्याणी विशाली!

तपस्विनी योगिनी बन विकराली ;

विभिन्न नाव की माय शेरावाली।


देवी गीतकार-रामचरण पटले महाकाली नगर नागपुर मोबाइल नं.८२०८४८८०२८

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