जगत को स्वामी
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शिव शंकर महादेव महेश भोला;
कसेत जगत को स्वामी जिनला!
सारो संसार को शंम्भू रखवाला;
औघड़नाथ से गरो मा नागमाला!
पार्वती पत्नि सती से विकराला ;
दुर्गा भवानी बनी माय विशाला!
नौ नामिनी दुर्गा शक्ति ज्वाला;
विश्व की जगत जननी जगपाला।
नित पियकन शंकर भांग गोला;
औघडदानी जी महादेव भोला!
भक्त को भर देसे भंडार ढोला;
संकट मा अवतारसे अग्नि शोला!
बाघम्बर वस्त्र डमरु त्रिशूलधारी;
व्यापक से महिमा जग मा न्यारी!
अंग मा भभूती भोला त्रिनेत्रधारी;
इनला सब जानसे दुनिया सारी!!
रचनाकार-रामचरण पटले महाकाली नगर नागपुर मोबाइल नं.८२०८४८८०२८
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