Powari Kavita
धीरू धीरू चल जीन्दगी आबो,
काही कर्ज चुकावनो से
काही दर्द मिटावनो से,
काही फर्ज निभावनो से,
तोरो संग चलता चलता
काही मोरो संग रूठ
गया,काही छुट गया
सबला हसावनो बाकी
से
काही रिस्ता नाता टुट गया
काही जुडता जुडता छुट गया,
सबला जोडनो बाकी से
दुख दर्द मिटावनो बाकी से
काही मन की ईच्छा
बाकी से,
काही काम जरूरी
बाकी से,जीन्दगी की
येन पहेली ला पुरो
समझनो बाकी से,
जब जीवन यो थम जाहे
मग का खोनो का पावनो,
लेकिन यो मन बच्चा वानी से
येला समझावनो बाकी से,
धीरू धीरू चल जीन्दगी,
आबो काही कर्ज चुकावनो से,
काही दर्द मिटावनो से,
काही फर्ज चुकावनो से
🙏🙏🌹🌹
जै श्री राम सबला राम राम🙏🌹
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