पोवार(पंवार) समाज की मातृभाषा(मायबोली) पोवारी

 अंतराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस: २१ फरवरी

पोवार(पंवार) समाज की मातृभाषा(मायबोली) पोवारी


छत्तीस कुर को पंवार समाज की मातृभाषा(मायबोली) पोवारी से। अज आमी हिंदी/मराठी भाषा इनको आपरो जीवन मा उपयोग कर रही सेजन परा पच्चीस तीस बरस को पहिले पासून आपरो पुरो समाज मा सप्पाई लोख पोवारीच मा बोलत होतिन। बालाघाट जिला की सुदूर बिरसा तहसील लक पोवार क्षेत्र को दूसरों कोंटा भंडारा जिला को लाखनी वरि तसच सिवनी जिला को ऊगली केवलारी लक गोंदिया जिला को सालेकसा क्षेत्र वरि सबझन पोवारी मा बोलत होतिन। आता भी सब आपरो पुरखा इन की धरोहर अना छत्तीस कुर को पंवार(पोवार) की मूल मातृभाषा पोवारी ल समझअ सेति परा बोलनमा चलन कम होय रही से। 

समाजला अना सामाजिक संगठना इनला आता पोवारी को जतन अना प्रचार प्रसार मा जुटनो पढ़े। जेतरा भी समाज का कार्यक्रम होसेति उनमा पोवारी मा बोलनो अनिवार्य करनो पढ़े। संगठना का पदाधिकारी बनन की यव अनिवार्य शर्त होनो जरूरी से की उनला आपरी बोली अना संस्कृती को ज्ञान जरूरी रहे, त आपो आप आपरी भाषा संगठना/समिति को माध्यम लक घर-घर मा जाहे।

२१ फरवरी ला अंतराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस रहवसे त आमी छत्तीस कुर को पंवार/पोवारला भी आपरी मातृभाषा मायबोली पोवारी ला बचावन लाई मिलकन प्रयास करनो से अना आपरो पुरखाइन की यन विरासत ला सहेजकन राखनो से।

सबला अंतराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस की हिरदय लक शुभकामना अना बधाई

✍🏻ऋषि बिसेन, बालाघाट




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