माय भवानी विशाल से
माय भवानी विशाल से
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पढ़ो तो पन्ना धाय माय कहानी;
मन मा बहुत आवसे ख़्याल ।
विद्वुषी होती वा महाबलिदानी;
ओकी तन मन काया विशाल।।
बिरला असी भारतीय नर नारी;
अनेकों मा होसे एक अवतार।
कभी जन्मी अजन्मी वा पधारी;
करनला येन सृष्टि को उध्दार।।
जसी दुर्गा; लक्ष्मी नांव जीजाई;
कर गई वा भव्य दिव्य चमत्कार।
योगिनी तपस्विनी बन महामाई;
होसे विरतामय उनकी जयकार।।
कलयुग मा होय गई से तैयारी;
एक अदम्य तीक्ष्ण क्षम्य प्रकार।
अति शिघ्रतम आगमन वा न्यारी;
कहलावसे वा सृष्टि की आधार।।
वैष्णो देवी दर्शन करनला गयो;
देखेव रस्ता मा मंदिर बेमिसाल।
आहवान करत सुमरत रयो!
पड़ी पूजारी की अचानक थाल।।
भजन मंडली कई रस्ता मा मिली;
गरजकन गायो वीरगाथा तत्काल।
हृदय आत्मा मन रोम मा खिली;
भक्तन को उद्देश्य होसे बहाल।।
जय जय हो गढ़काली भवानी;
तोरी जग मा से अमर कहानी।
देश विदेश मा बनकन सुहानी;
ब्रम्हाणी कल्याणी माय रुद्राणी।।
एक समागम दुर्गा जी बनकन;
समायकन माय पषाणी चट्टानी।
अनेकों भेष सूरत ला पायकन;
जय जय हो माय महा क्षत्राणी।।
देवी गीतकार-रामचरण पटले महाकाली नगर नागपुर मोबाइल नं.८२०८४८८०२८
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