छत्तीस कुल को क्षत्रिय पोवार समुदाय

 छत्तीस कुल को क्षत्रिय पोवार समुदाय

मोरो समस्त पोवार समाज को स्वजातिय जन-मानसला हिरदीलाल ठाकरे को सादर प्रणाम जय राजा भोज , सबला नतमस्तक विनंती से मोरी येन् महत्वपूर्ण लेख ला जरा गंभीरता लक बाचो , मालवा राजपुताना लक वैनगंगा क्षेत्र मा बस्या पंवार/पोवार क्षत्रिय साती ऐतिहासिक अना शासकीय दस्तावेज मा स्वीकृत नाव , जात को नाव पंवार अना पोवार व बोली को नाव पंवारी अना पोवारी , येको अतिरिक्त आमरो पोवार समाजमा दुसरा कोणी भी अन्य अपभ्रषित नाव नाहाय , पर सन २००६ मा बनी एक संस्था पवार क्षत्रिय माहा सभा अना येन् माहा सभा को नेतृत्व मा बनी राष्ट्रीय पवारी साहित्य कला संस्कृति मंडल , इनको माध्यम लक आमरो पोवार समाजमा आमरो जाति अना बोली को गलत प्रचार प्रसार होय रहीं से , भोयर पवार या एक स्वातंत्रय जात से अना भोयरी उनकी एक स्वातंत्रय बोली , पोवार पंवार या एक स्वातंत्रय जात से अना पोवारी पंवारी एक स्वातंत्रय बोली , आता आमरा माहा पुरूष येन् दुही अलग आलग जाति ला अना अलग आलग बोली ला एकच मा मिश्रित करके आपलोच छतिस कुल को पोवार पंवार समाजमा भ्रम फैलायकर आपलोच पोवार पंवार समज की संस्कृति अना संस्कार व आपलो पोवार समाज को पुरातनकाल पासून चलत आयेव पोवार पंवार नाव ला धुमील करन की नाकाम कोशिश कर रह्या सेती , आमरा पुर्वज इनन् आमरो पोवार समाज को नाव ला सिर्फ अना सिर्फ पोवार पंवार लिखिन अना लिखत रह्या त मंग येन् पवार नामक संस्था इनला व संस्थापक इनला आमरो पोवार समाज को नाव मा बदलाव अना आमरो पुरातनकाल पासून चलत आयेव पोवार पंवार नाव ला धुमील करन को काहीच अधिकार नाहाय असो मोला लगसे ,  

नगरधन नागपुर क्षेत्र मा छत्तीस कुल को क्षत्रिय पोवार को समुदाय आये होतो अना वोको मा लक सिर्फ अना सिर्फ तीस कुल का ही पोवार पंवार वैनगंगा क्षेत्र बालाघाट जिल्हा गोंदिया जिल्हा भंडारा जिल्हा शिवनी जिल्हा मा स्थायी रुप लक आपलो उदरनिर्वाह करत आपलो जीवनव्यापन करन लग्या , तीन सौ साल पासून पोवार पंवार समाज को बेटा बेटी का बिह्या बर सिर्फ अना सिर्फ आपलोच छत्तीस कुल मा करत होता , पर आता आमरो पोवार समाज साती बहुत ही धक्कादायक शोकांतिका से की आमरो कुलश्रेष्ठ ब्रम्हनिष्ठ निष्ठावान पोवार समाजमा जबरदस्ती पवार जनजाति व पवार लिखने वाला अन्य समुदाय आमरो पोवार समाज पर अतिक्रमण कर रह्या सेत , पहले आमरो पोवार समाज को अना अन्य अपभ्रषित जनजाति संगमा रोटी बेटी को रिस्ता नोहोतो पर आमरोच पोवार समाज का काही काही सर्वार्थी लोग आपलोच छत्तीस कुल को पोवार समाज को बेटी इनको बिह्या अन्य जनजातिला भी आपलाच पोवार अत असा सांगकर फसायकर काही काही माहाती इनन् त टुरी को मायबापला आपलो झासामा लेयकर फसायकर टुरी को बिह्या जोडन को नाव पर लाखों रुपए की दलाली करन को अनुचित काम करीन अना अन्य जनजातिला पोवार बनायकर असंख्य पोवार समाज को बेटी इनला कही झासी त कही हरियाणा त कही भोपाल त काही वर्धा त काही जिल्हा असो असो ठीकान पर बिह्या करके आपलो पोवार समाजला खबरा करन को अनुचित काम करिन , 


आमरो पोवार समाज को बेटी इनको सामने जब् सच्चाईयां आयी तं असंख्य टुरी इनन् आपलो मायबाप को पाणी ला जपकर आपलो एक जीवन असोच समझकर अन्य जनजाति ला न चाहता भी स्वीकार कर लेयीन अनुचित समझोता कर लेयीन अना आब् भी आमरो पोवार समाज की असंख्य बेटी अपभ्रषित जनजाति को तकलीफ अना अपमान सहन कर रही सेती , येव सिर्फ अना सिर्फ आपलो कुलश्रेष्ठ ब्रम्हनिष्ठ निष्ठावान पोवार समाजला अन्य अपभ्रषित जनजाति को विलीनीकरण को परिणाम स्वरुप आय असो मोला लगसे , अगर टाइम मीले त असंख्य टुरी इनकी वेदना भी आपलो पोवार समाजमा लिखूं , आता तरी आमला सबला सावधान व सचेत रव्हन की आवश्यकता से नही त वोन् असंख्य बेगुनाह बेटी जसीच पोवार पंवार समाज की दशा होय सकसे , न चाहता भी मजबुरी मा येन् अनुचित मीश्रण ला स्वीकार करनो पड़े असो मोला लगसे , अना देखता देखता आमरो पोवार समाजला ये माहा पुरूष कभी माहार समाज संग कभी तेली समाज संग कभी भाली समाज संगमा एकच कुल का सांगकर फसायकर आमरो पोवार समाजमा पुरो को पुरोच भेसड कर देहेत असो मोला लगसे, आता ज्यादा का लिखूं तुम्ही खूद समझदार सेव जय राजा भोज जय माहामाया गढ़कालिका सबको कल्याण करें अना आमला सबला सदबुद्धी प्रदान करें

 !! श्री हिरदीलाल नेतरामजी ठाकरे

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