सामाजिक शख्सियत : श्री डी. पी. राहंगडाले

                           सामाजिक शख्सियत : श्री डी. पी. राहंगडाले

क्षत्रिय पोवार पंवार समाज के गौरव श्री धनलाल पोतन राहंगडाले जी  का जन्म गोदिया जिले में तिरोड़ा तहसील के ग्राम बरबसपुरा में १६ दिसंबर १९५२ को हुआ था। आपने कला विषय से स्नातक किया और साथ ही शिक्षा में डिप्लोमा प्राप्त किया है। सन १९८० में आपका चयन कनिष्ठ लिपिक के पद पर हुआ। बाद में आपकी वरिष्ठ लिपिक, मंडलाधिकारी और नायब तहसीलदार के रूप में पदोन्नति हुयी। आप वर्ष १९७७ से १९८० तक ग्राम पंचायत बरबसपुरा के निर्विरोध सदस्य रहे। ३१ दिसंबर २०१० आप सेवानिवृत्त हुए और वर्ष २०१२ से २०१७ तक ग्राम बरबसपुरा के निर्विरोध उपसरपंच चूने गये।    वर्तमान में आप गजानन कॉलोनी, गोंदिया में निवासरत हैं। आपके परिवार में दो पुत्र और एक पुत्री हैं।

आपको संगीत और साहित्य में हमेशा से रूचि रही हैं। आपने ढंढार झाड़ीपट्टी में भाग लिया है। आपने कई हिंदी नाटक(ड्रामा) लिखे हैं। आपने निरंतर १५ वर्षों तक नाटकों में स्वयं अभिनय किया है। आज भी ग्राम बरबसपुरा में नाट्य मण्डली का सञ्चालन कर रहे हैं और नयी पीढ़ी का मार्दर्शन कर रहे हैं। आपने पोवारी, हिंदी और मराठी में कई कवितायें, और भजन लिखें हैं और आज भी आपकी कलम की गति साहित्य के सृजन में अविरल प्रवाह मान हैं। आपको अपनी मातृभाषा पोवारी से विशेष लगाव हैं और पोवारी में लेखन आपको सबसे प्रिय हैं। लेखन के साथ भजन, कीर्तन और प्रवचन में विशेष रूचि हैं। हारमोनियम बजाना आपको बहुत अच्छा लगता हैं। हारमोनियम को बजाते हुए आपके पोवारी भजन गायन को सुनने का एक अलग ही आनंद हैं।  हम सभी ये प्रार्थना करते हैं की आप इसी तरह निरंतर साहित्य का सृजन करते रहे और अपने गायन के माध्यम से समाज को मार्गदर्शित करते रहें।

                                                 तथ्य संकलन : ऋषि बिसेन
                                                              नागपुर  
                        पोवारी इतिहास, साहित्य, संस्कृति एवं उत्कर्ष परिषद

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