माय, तोरो आशिर्वाद

 माय, तोरो आशिर्वाद

    (मुक्तायन काव्य)


मायसाती पुरेत एवढ़ा

शब्द नाहात कहान |

मायसाती का लिखू?

मायपर लिख सकु एवढ़ो 

मोरो व्यक्तित्व नाहाय महान ||१||


जीवन येव खेत आय तं

माय म्हणजे बिहीर |

माय म्हणजे का नोहोय?

जीवन येव डोंगा आय तं

माय म्हणजे नदीको तीर ||२||


माय म्हणजे भजनमा

गुणगुणासे असी संतवाणी |

मायको बारामा अनखी का सांगू?

माय म्हणजे रेगिस्तानमा

पिवो असो ठंडोगार पाणी ||३||


माय तू तपनमाकी सावली

माय तू बरसातमाकी छतरी

माय तू मोरोसाती का नाहास?

माय तू थंडीमाकी शाल |

माय तोरो आशीर्वाद लका

मोरो जीवन से खुशहाल ||४||


✍ इंजी. गोवर्धन बिसेन "गोकुल" 

      गोंदिया (महाराष्ट्र) मो. ९४२२८३२९४१

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