होये समृद्ध पोवारी
🌷होये समृद्ध पोवारी🌷
(अष्टाक्षरी रचना)
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मोरा पोवार पुरखा
आया होता मालवालं |
सब घरं पोवारीमा
सुरू होती बोलचालं ||१||
खेड़ा पाड़ामा सप्पाई
होता बोलत पोवारी |
भाली, खाती ना बढ़ई
गोंड रव्हंका गोवारी ||२||
मुख्य धंदा खेतीबाड़ी
चक्र जीवनको चलं |
शहरको चक्करमा
बोली बोलनला खलंं ||३||
भयी मायबोली कम
धीरु धीरु मोठोआंग |
हिंदी मराठीमा लग्या
बोलनला नहानांग ||४||
होत होती लुप्तप्राय
मायबोली पोवारकी |
होन बसी लिपीबध्द
आता संस्कृती धारकी ||५||
होये समृद्ध पोवारी
आया दिन खुशालीका |
भरे साहित्यलं ढोला
मायबोली पोवारीका ||६||
मोरो छत्तीस कुरकी
होये खरी पयचान |
लिख कविता करू मी
पोवारीको गुनगान ||७||
सबला अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवसकी अंतसलका शुभेच्छा💐
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✍️ इंजि. गोवर्धन बिसेन "गोकुल"
गोंदिया (महाराष्ट्र).
मो. नं. ९४२२८३२९४१
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