पोवारी साहित्य सरिता भाग ३१
पोवारी साहित्य अना सांस्कृतिक उत्कर्ष द्वारा आयोजित पोवारी साहित्य सरिता भाग ३१ **************************** आयोजक डॉ. हरगोविंद टेंभरे परीक्षक श्री. व्ही. बी.देशमुख ********************************************************** 1. परमश्रद्धेय श्री आदरणीय परमवंदनीय जी सबला हिरदीलाल ठाकरे को सादर प्रणाम जय राजा भोज जय माहामाया गढ़कालिका,, मोला अष्टावक्र गीता को एक अध्याय याद आवसे, कोहाड ऋषि एक सिद्ध ऋषि होता, एक दिवस कोहाड ऋषि पुराण बाचत होता, पुराण बाचता बाचता उनला अचानक एक आवाज आयी, पुराण मा ज्ञान से का ? कहोड ऋषि ला आश्चर्य भयेव की असो कोण कसे पुराण मा ज्ञान नाहाय , पुराणमा त ज्ञान से , अखिन आवाज आयी पुराणमा ज्ञान से का? कहोड ऋषि न् आपलो अंतर्ध्यान लक देखीस की उनकोच पत्नी को गर्भ लक आवज आयी की चंद्रमा काहा से ? कहोड ऋषि न् उंगली को इशारा लक सांगीस की चंद्रमा उपर आसमान मा से , गर्भ लक आवाज आयी तुमरी उगंली या चंद्रमा नोहोय ,तुमरी उगंली सिर्फ अना सिर्फ चंद्रमा कर इशारा करसे , वोको पर कहोड ऋषि उत्तर देसे की पुराणमा भी ज्ञान नाहाय पुर