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भारत देश का भगवान एक विशिष्ट ऐलान

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  भारत देश का भगवान एक विशिष्ट ऐलान   फिल्म जगत को आयको विधान अमिताभ बच्चन अवतारी महान नरेंद्र मोदी जी राजनीतिक विद्वान भारत देश की इन पर से कमान* **   तुकाराम महाराज न करीस कल्याण काहे कि इनला से भवानी वरदान भारतवासी करें सदा मान सम्मान इनला स्मरण करें सदा हिंन्दुस्तान**   जसी राजा भोज की जग मा शान माय गढ़काली की दुआई की आन दुष्ट असूर पर चलायके धनुष बाण शुभ चिंतक जरा ठेवनो से ध्यान* **   बहादुरी वीरता मा रहेव योगदान हर भारतीय को असो से अरमान आहवान करसे इनला आसमान कलयुग मा आब सेती ऐ विद्दमान**   वर्तमान मा कोन्ही नहीं इनको समान जसो रुद्र रुपी वीर बलवान हनुमान ब्रम्हा विष्णु महेश को येव तत्वावधान सब इनका चहेता करसेती गुणगान***   जग मा रहे किर्ती ईनकी शोभायमान चमत्कारिक माय से इन पर मेहरबान जगदम्बा भवानी सब करसे समाधान भारतवर्ष की अजर अमर से पहिचान**   देवी गीतकार-रामचरण हरचंद पटले महाकाली नगर नागपुर मोबाइल नं.९८२३९३४६५६ मुकाम पोष्ट कटेरा तहसील -कटंगी जिला बालाघाट (म.प्र.)

आध्यात्मिक अभंग

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 आध्यात्मिक अभंग **""""""""""** माय अना बाप:;येच जन्मदाता! ये भाग्य का विधाता:;संसार का।१। संस्कार देयकन:;करसेत निर्माण! सृष्टि को उत्थान:; दुनिया मा।२। मार्ग ये दर्शक:;सुख दुःख सहकन! करसेत चिन्तन :; भविष्य का ।३। बेटा बेटी साती:; त्याग समर्पण! धन्य गा जीवन:;हो माय बाप।४। माय बाप साती:;तन मन झुरसे! हो सत्कर्म करसे:; आज्ञाकारी।५। नित्य करनो सेवा:;माय बाप की! सृष्टि या जाप की:;स्वर्ग मा।६। रामचरण पटले:;अभंग लिखकन! सत्संग संक्षेपण:;मायबोली मा।७। देवी गीतकार-रामचरण हरचंद पटले महाकाली नगर नागपुर मोबाइल नं.९८२३९३४६५६ मु.पोष्ट:-कटेरा तहसील -कटंगी जिला बालाघाट (म.प्र.)

जस

 जस ****   चढ़ी पहाड़ी माय भवानी:- """"""""""""""""""""""""""""""""""""" भवानी आवसे झुम झुम; सांगसे हाल रूम रुम:-टेक १) भक्त को आंग मा आवसे; सारो आसन्न हिलावसे:-२:- हो डोलसे आंगन मा घुम घुम:- भवानी आवसे झुम झुम; हों -हो सांगसे हाल रूम रुम*:------------ २) हकीकत कसे सच्चाई ला! सारो दुनिया की भलाई ला:;२:- बजसे ताल मृदंग धूम धूम:-- भवानी आवसे झुम झुम;; हों -हो सांगसे हाल रूम रुम:------------ ३)रोगी ला कोड़ा मारसे! रोगी को रोग को भगावसे::२::-- करसे भवानी हुम हुम::- भवानी आवसे झुम झुम; हों -हो सांगसे हाल रूम रुम:--------- जस रचनाकार -रामचरण हरचंद पटले महाकाली नगर नागपुर मोबाइल नं.९८२३९३४६५६ मुकाम पोष्ट कटेरा तहसील -कटंगी जिला बालाघाट (म.प्र.) लोकगीत ********* हो -हो धन नहीं दौलत काही नहीं? टूरी तों मोला हिरोईन पाहिजे:-----टेक १)भला चाहे वा नखरावाली; यहां वहां वा मटकनवाली!! अरे हों -हो :-हो;मोला तों टूरी हिरोई

पगार

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  पगार ( कविता पोवारी भाषा मा )   पगार से तुट पुंजा , हाऊस तोरी कसी फेडू नाहाय घरमा काजू कतली , खायले मुरा का लाडू   खान पिवनकी ईच्छा सोड , घरमा बनाव स्वैपाक पगार से तुट पूंजो ठेव महागाई को धाक मन की ईच्छा पूरी करनला खिसा मोरा नोको फाडू नहाय घरमा काजू कतली खायले मुरा का लाडू   पेट्रोल गॅस बडी महगी , का करे पगार पाच सौ की नोट गायब होसे न लेता डकार प्यारच से सबदून मोठो , पैसा साती नोको भांडू नहाय घरमा काजू कतली खायले मुरा का लाडू   बडी प्यार मा फली फूली , नही देखीस तपन साडी चुडी शापिंग येतरोच से तोरो सपन जसो तसो को संसारला तू बाई नोको मारु झाडू नहाय घरमा काजू कतली खायले मुरा का लाडू   शेषराव येळेकर दि.०९/१०/२२

सम्राट राजा भोज की विशेषता

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  सम्राट राजा भोज की विशेषता   आन बान शान को से आमरो समाज! सम्राट राजा भोज समाज को सरताज!! बहादुर वीर होतो समाज करसे नाज! समाज साती उठाव फनकारी आवाज!!   बलिष्ठ देखकन विरोधी राजा पराया होता! गांगेय तैलप सारखा थर्राया हार गया होता!! चौरासी ग्रंथ को रचनाकार होतो विज्ञाता! राजा भोज को राज्य मा सुखी सब होता!!   भेदभाव नहीं करीस ; कर पल मा समझौता! प्रजा सुखी रव्ह सबलक ठेव रिश्ता नाता!! माय गढ़काली को चरण मा ठेव सदा माथा! बाप सिंधूलराज ; माय सावित्री होती माता!!   युद्ध हजारों जितीसेस होतो चमत्कारी! माय भवानी को वरदानी होतो अवतारी!! किसान को बेटा होतो परम आज्ञाकारी! उज्जैन शहर ; होती सुन्दर धार नगरी प्यारी।   सोलह संस्कार सब रिती रिवाज अपनाव! सबको संकट मा राजा भोज दौड़के धाव!! मजाकिया होतो सबको मन हृदय हर्षाव! बिया बरात मा जाय तो समाज शान बढ़ाव।   आपरो समाज की से शानदार अस्मिता! या रिती रिवाज पर लिखीसेव कविता!! मायबोली बचावनो सब बहिन भाई भ्राता! टकरावनो मुश्किल मा एकता ठेओ आता।   देवी गीतकार-रामचरण हरचंद पटले महाकाली नगर नागपुर

पोवारीबोधकथाभाग१३

  जय माय गढ़कालिका     पोवार इतिहास , साहित्य अना उत्कर्ष   समूह परिचय “पोवारी इतिहास साहित्य अना उत्कर्ष” समूह , क्षत्रिय पोवार(पँवार)वंश को इतिहास , उनकी बोली पोवारी , संस्कृति को प्रचार प्रसार अना समाजोत्थान साती बनायी गई से। येको उद्देश्य पोवारी बोली , संस्कृति , रीती-रिवाज , परंपरा अना सामाजिक धरोहरो को सरंक्षण अना संवर्धन से ।   पोवारइतिहाससाहित्यअनाउत्कर्षद्वारादि.०१.०९.२०२०मंगलवारलाआयोजितपोवारीबोधकथाभाग१३ क्रमांक रचना रचनाकारकोनाव पृष्ठक्र . 1.         कोनीलकनोकोंजरो श्रीप्रा.डॉ.हरगोविंदटेंभरे 4 2.         बबलीकोबिया श्रीगुलाबरमेशबिसेन 5 3.         देशसेवा / राष्ट्रसेवा श्रीमुकुंददिगंबररहांगडाले 9 4.         फिजूलखर्ची श्रीसी. एच. पटले 10