तिज
तिज
अज वैशाख तृतीया दिन
आयेव बाई तिज को सण
मोहतुर करके आया धनी
जोडलक करसा पूजबन
बनासेव सेवई संग पना
रांधेव बडा ना सुवारी
फोडेव कुरोडी पापड
करके ठेई सेव तयारी
शेणको बेठरीपर मंडायके
नवो करसामा भरो पाणी
पाच आंबाको ठेवो घड
सेंदूर कुकु लगाय स्यानी
लेव माय बाप को नाव
कागुर टाकन को घनी
कुलदेवता ला सुमरके
चवरीपर टाक देव बिरानी
पवित्र सण तिज लक
तृप्त होये पित्तरंको मन
सुख समृद्धी लाभन को
देयेत आमला आशीर्वचन
टुरी जवाई ना पुरो कुटुंब
मिलकर पंगतमा जेवबं
करके पुरानी बातचीत
पुर्वजंइनला यादमा ठेवबं
शारदा चौधरी
भंडारा
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