पोवारी लोकगीत : दरन मी दरुसू

 पोवारी लोकगीत : दरन मी दरुसू


दरन मी दरूसू, दरूसू पाच दाना । मोरो माहेर को कारखाना ||


दरन दरूसू बाई, गाऊ मी माता पिता ।

मंग गाऊ मी रामू सीता ॥


दरन मी दरूसू, दरसू चार गँहू । राज करजो मोरो भाऊ ॥


दरन दरूसू, दरू मी कनकी पीठ । मोरो माहेर को मुंग्या जोट ।।


पंढरपूर की विठ्ठल रूरखमाई  रूखमाई से आंगन माँ । पानी भरी से रांजन माँ ॥


दूर ल् ओरखु मी, मोरो भाई की चाल डाओ हाथ मा दिससे, झोरा लाल लाल ॥

श्रीमती सतनबाई चौधरी तोतलाडोह, जि. नागपुर.


(पंवार संदेश, में प्रकाशित एक पोवारी  लोकगीत)

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