खमोरा
खमोरा
आमरो समाज मा स्त्री धन यानी खमोरा कि प्रथा होती । अज भी बहु को माय घरकी वस्तु या धन को उपयोग करके सुसरो, जेठ, देवर या अन्य रिश्तेदार आपलो जीवनयापन नही करत ।
या भारतीय संस्कृति आय , आमरी परम्परा आय जो प्राचीन से । हर समाज असो नाहाय । आमी प्राचीन भारत की सभ्यता , विचार प्रणाली पर अज बी चलसेजन ।
मनुस्मृति को तिसरो अध्याय को 52 वो श्लोक कसे --
स्त्रीधनानि तु ये मोहादुपहजीवन्ति बान्धवाः ।
नारी यानानि वस्त्रं वा ते पापा यान्त्यधोगितम ।।५२।।
अर्थात
जो वर का बांधव ( सुसरो , देवर आदि रिश्तेदार) , लोभ मा वशीभूत होयके स्त्रीधन यानी खमुरा, बहु को माय घर को वाहन, वस्त्र आदि को उपयोग करके आपलो जीवनयापन करसेत उनकी अधोगति होसे । उनला पापी नीच कह्यव जाहे ।
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