सामसुम

 सामसुम

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पप्पा, मम्मा अना मी

बाकी भय गया गुम 

किचन, हॉल, बेडरूम 

बाकी सब सामसुम||धृ||


सूर्य काही दिस नही

चंदा काही चोव नही

घडिको टकटक तालपर

सब परासेत यहा धुम||१||


पप्पा जासेत ड्युटीपर 

मम्मा राबसे घरभर

फुरसत नाहाय कोनीला

एकलोच बजावूसु ढुमढुम||२||


मिठाई, खिलोना, कपडालत्ता

येको अलावा नाहाय भत्ता

नाहाय लोरी नही कहानी

खिडकीलक देखूसु टुकटुक||३||


हॉटेल, पिक्चर, वनडे टूर 

भया रातदिन मोबाइलमा चूर 

सरी मजामस्ती, बातचित 

आयेव कॉन्फरेंस ऑन झूम||४||


गेट टुगेदर, पार्टी, फंक्शन 

हासीखुशीको नही चोव जंक्शन

हायफाय फ्रेंड, कसा बनेत संगी?

आपलो तालमा नाचुसू छुमछुम||५||

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✍महेंद्रकुमार ईश्वरलाल पटले (ऋतुराज)

ता. १९/०२/२०२२



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