हो मी नारी आव
८ मार्च महिला दिन पर ….
🌷हो मी नारी आव🌷
सत्य सनातन दुनियाकी मी पुजारी आव |
हो मी नारी आव, हो मी नारी आव ||धृ||
वेद ऋचा लिखनेवाली घोषा, अपाला आव |
लक्ष्मी, दुर्गा, काली सरिखी सुंदर बाला आव ||
जेला देख चकीत अकबर वा चिंगारी आव |
हो मी नारी आव, हो मी नारी आव ||१||
शंकुतला को भरतलं मोरो भारत महान भयेव |
तारानं सेव फाड़ीस, दु:खी पुरो समशान भयेव ||
जिद पर मी अड़ जाऊ यमराज पर भारी आव |
हो मी नारी आव, हो मी नारी आव ||२||
धर्म रक्षासाती कैकयी सरीखी मी हठधर्मी आव |
पति विरहला हासकर सहनेवाली मी उर्मी आव ||
चौदा साल बनवास काटीस वा राम दुलारी आव |
हो मी नारी आव, हो मी नारी आव ||३||
तीन लोकको स्वामी कृष्ण राधालक नाचसे |
एक द्रौपदीको अपमान बी महाभारत घड़से ||
पती संग ज्या अंधरी भयी वा गांधारी आव |
हो मी नारी आव, हो मी नारी आव ||४||
विद्योत्तमानं बुध्दु कालीदास बनायीस प्रबुध्द |
यशोधरा बी सिधार्थला बनावसे गौतम बुध्द ||
रामचरीत रचनासाती, रत्नावलीकी गारी आव |
हो मी नारी आव, हो मी नारी आव ||५||
मी हजरतमहल, चेन्नम्मा, रजिया सुल्तान आव |
उदयसिंगला पालनेवाली दासीपन्ना महान आव ||
खुब लड़ी मर्दानी लक्ष्मी दुश्मनपर भारी आव ।
हो मी नारी आव, हो मी नारी आव ||६||
सब क्षेत्रमा सबको बरोबर मोरो से अधिकार |
नारी नाहाय कोनीदुन कमी येव मानसे संसार ||
बनकर मैरीकाम मी आव्हान स्वीकारी आव |
हो मी नारी आव, हो मी नारी आव ||७||
मुळ कविता - प्रियंका राय ओमनंदीनी
पोवारी भावानुवाद-
✍️ इंजि. गोवर्धन बिसेन, "गोकुल"
गोंदिया (महाराष्ट्र)
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