क्षत्रिय पोवार(पंवार) कुलदेवी माँ गढ़कालिका की आरती
क्षत्रिय पोवार(पंवार) कुलदेवी माँ गढ़कालिका की आरती माँ गढकालीका की आरती मैय्या करू गढ़काली तोरी आरती हो माँ-२ मैय्या आरती माँ बेल फूल चढाऊ वो मोरीमाय-२ हल्दी कुंकू नारीयल धुप दीप कपूरल सजी थार-२ आरती गढ़काली की - हो मैय्या-आरती गढ़काली की । गाव हरेक पोवार-२ मैय्या करू गढ़काली तोरी आरती.... ब्रम्हांड की रखवारी तु धारा जुगर ठिकाण-२ राजा भोजला पायव-२तोला बुध्दी अणा ज्ञाब-२ मैय्या करू गढ़काली.... ये धरती को कोना कोना माँ फैल्या जो पोवार आवी सब तोराच बेटा-२देजो बुध्दी अणा बाब-२ मैय्या करू गढ़काली..... तोरो दरशन का प्यासा बेटा माँ कुरखेत पुकार-२ कर सबकी मनसा पुरी-ओ मैय्या-२ धन्य होये हर पोवार-२ मैय्या करू गढ़काली. कुलदेवी माय तु आम्हरी-कर देजो माँ उद्वार-२ गेवरी गाऊ मैय्या कमसे वो काली-२ तोरी महिमा से अपार-२ मैय्या करू गढ़काली... मैय्या करू गढ़काली तोरी आरती हो माँ जय माँ गढ़काली जय क्षत्रिय पोवार(पँवार) राजवंश